इस तरह किया जाना है काम
नगरीय प्रशासन विभाग ने कचरे के निष्पादन के लिए 5 करोड़ 99 लाख 38 हजार रुपए स्वीकृत किया है। निगम प्रशासन को एक करोड़ 2 लाख 24 हजार रुपए ब्याज की राशि से और 4 करोड़ 97 लाख 14 हजार रुपए अधोसंरचना मद से खर्च करना है। शासन स्तर पर टेंडर में भोपाल की कंपनी 5.89 करोड़ में यह काम करने तैयार हुई है। इस राशि से ग्राउंड में डंप कचरे का रिसाइकिलिंग व इंसीनरेटरिंग के माध्यम से नुकसान रहित तरीके से निपटान करना है।
चार बार रद्द होने के बाद टेंडर मंजूर
इससे पहले राज्य शासन के निर्देश पर निगम प्रशासन द्वारा चार बार टेंडर जारी किया जा चुका था, लेकिन एक बार भी सक्षम कंपनियां सामने नहीं आ रही थी। इसके पीछे कारण कंपनियों को लेकर स्पेसिफिकेशन कंडीशन को बताया जा रहा था। लिहाजा इसे शिथिल कर पांचवी बार टेंडर जारी कराया गया। जिस पर भोपाल की कंपनी काम के लिए तैयार हुई है।
पहले भी हो चुका है प्रयास
इससे पहले भी दिसंबर 2016 में लिगेसी वेस्ट के निष्पादन का प्रयास किया जा चुका है। तब दिल्ली की एक्सपर्ट के मार्गदर्शन में 29 लाख खर्च कर कचरे के निबटान का यह विंड्रो कम्पोस्टिंग सिस्टम तैयार किया गया था। इस सिस्टम के तहत 15 दिन तक मशीनें लगाकर 2 किलोमीटर के दायरे में डंप 20 लाख टन पुराने कचरे की 6 फीट ऊंची और 4 से 5 फीट चौड़ी 30 क्यारियां बनाई गई, लेकिन यह सिस्टम भी ध्वस्त हो गया।
खाद बनाने का प्रयास भी विफल
नगर निगम द्वारा भी इससे पहले खुद लिगेसी वेस्ट के निष्पादन का प्रयास खाद बनाकर करने का प्रयास किया गया था। इसके लिए लाखों रुपए खर्च कर मशीनें भी लगाई गई थी। लेकिन यह प्रयास भी विफल हो गया। इसके साथ ही निजी ठेकेदार से भी कचरे से खाद बनाने का अनुबंध किया गया था, लेकिन ठेकेदार आधे-अधूरे काम का बाद नदारद हो गया।
कचरे से इस तरह की परेशानी आधा दर्जन वार्डों में पहुंचता है दुर्गन्ध
करीब 20 से 25 साल पहले तात्कालिक आबादी के हिसाब से शहर के आउटर व पोटिया से करीब एक किलोमीटर दूर ट्रेंचिंग ग्राउंड बनाया गया था। तब यहां प्रदूषण नियंत्रण के लिए बाउंड्री वाल के साथ लाखों खर्च कर पौधरोपण भी कराया गया था, लेकिन अब न तो बाउंड्रीवाल बचा है और न ही पौधों का पता है। लिहाजा ग्राउंड से निकलने वाला दुर्गन्ध तेज हवा की स्थिति में आधा दर्जन वार्डों तक पहुंचता है।
शिवनाथ को प्रदूषित कर रहा पानी
बारिश में ट्रेंचिंग ग्राउंड का पानी विभिन्न नालों के माध्यम से पुलगांव नाला में पहुंचता है। पुलगांव नाला महमरा एनीकट के पास शिवनाथ नदी में मिलता है। यहीं दुर्ग व भिलाई को पानी सप्लाई करने वाला इंटकवेल है। दुर्ग भिलाई के 10 लाख से ज्यादा लोग शिवनाथ के महमरा एनीकट का पानी पीते हैं।