प्रोजेक्ट को शिक्षा विभाग ने निर्माण मानकों के अनुरूप कार्य कराने की शर्त पर अनुमोदित किया है। इसके साथ ही भामाशाह की ओर से दी जा रही राशि विद्यालय नामकरण को लेकर तय निर्देश से अधिक हैं, ऐसे में स्कूल का नाम भी आने वाले समय में बदलकर भामाशाह के पिता के नाम से हो सकेगा। उल्लेखनीय है कि भामाशाह पांडे वर्तमान में इंदौर में स्वच्छ भारत मिशन प्रोजेक्ट का कार्य देख रहे है। गांव में सामाजिक कार्यक्रमों में आने के दौरान जर्जर स्कूल भवन को देखने के बाद इसके लिए काम करने की ठानी थी।
अभी खस्ताहाल भवन, आए दिन परेशानी
साबला उपखण्ड मुयालय से महज 12 किलोमीटर दूरी पर स्थित बोडीगामा छोटा का स्कूल भवन कवेलूपोश होकर वर्तमान में खस्ताहाल है। यहां 256 विद्यार्थियों का नामांकन है। बरसात सहित आमदिनों में बच्चों की बैठक सहित अन्य व्यवस्थाओं में दिक्कत आती है। हरदम हादसे का भी अंदेशा बना रहता है। कक्षा कक्षों की स्थितियां भी ऐसी है कि एक कक्ष में 40 से ज्यादा स्टूडेंट बैठ भी नहीं सकते है। उल्लेखनीय है कि स्कूल 1984 में प्राथमिक से उच्च प्राथमिक, 2008 में माध्यमिक एवं 2014 में उच्च माध्यमिक स्तर पर क्रमोन्नत हुआ था।ऐसा बनेगा विद्यालय भवन
प्रोजेक्ट के तहत विद्यालय भवन नया बनेगा। इसके तहत 9 बड़े कमरे हवादार बनेंगे। ग्राउंड लोर पर सात कक्षा कक्ष, एक बड़ा हॉल साथ ही बिजली, प्रोजेक्टर , प्रार्थना सभागार , बालक-बालिका का अलग-अलग शौचालय, सरस्वती मंदिर आदि का निर्माण होगा। इसके अलावा विद्यालय में कप्यूटर, वाईफाई सहित अत्याधुनिक सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी। स्कूल मैदान का विकास भी होगा। इधर, सरकार स्तर से मंजूरी मिलने के बाद ग्रामीणों में भी खुशी हैं। भामाशाह ने कुछ माह पूर्व मंशा जाहिर की थी। जिसके बाद प्रोजेक्ट बनाकर भेजने के लिए उन्हें प्रेरित किया था। शिक्षा विभाग से भामाशाह के प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल गई है। भवन बनने के बाद नाम बदलने की प्रक्रिया नियमानुसार अपनाई जाएगी।
प्रवीण रावल, राउमावि बोडीगामा छोटा