10 किलोमीटर बाद ही आ गई मौत…
मृतक हेमंत की साली पुष्पा ने बताया कि उसकी छोटी बहन प्रियंका की शादी तीन-चार वर्ष पूर्व ही हेमंत से हुआ था। विवाह के बाद प्रियंका की दो संताने हैं। पहली संतान दो साल की व दूसरी छह माह की है। बहन का कवेलूपोश मकान है और खेती कुछ जमीन है। लेकिन, उससे परिवार नहीं चल पा रहा था। इस पर हेमंत अहमदाबाद में मजदूरी करने जाता था। वह मजदूरी की राशि अपनी पत्नी को भेजता था।
इससे ही गृह-गुजारा चल रहा था। हेमंत दो-तीन दिन पहले ही अहमदाबाद से परिवार को मिलने आया था और रविवार को वापस जाने के लिए वह जीप में बिछीवाड़ा से सवार हुआ था। घटना स्थल से बिछीवाड़ा मात्र 10 किमी ही दूर है। ऐसे में दस किलोमीटर चलते ही उसे मौत नसीब हुई। परिवार पर बहुत बड़ी आपदा आ गई है।
आंखों देखी : जोर का झटका लगा और उड़ गए चिथडे़
खड़गदा निवासी ईश्वरलाल पुत्र शंकरलाल रोत भी उसी जीप में था, जिसका हादसा हुआ। उसने आंखों देखा हाल कपकपाते हुए बताया कि जीप में करीब 20 सवारियां थी और कुछ सवारियां जीप के ऊपर भी थी। वह अन्य यात्रियों को तो नहीं जानता था। वह खुद अहमदाबाद गुजरात में मजदूरी करता है। रविवार को डूंगरपुर से जीप में सवार होकर अहमदाबाद के लिए निकले थे। जीप बराबर गति से जा रही थी।
इस बीच बिछीवाड़ा राष्ट्रीय राज मार्ग-48 पर रतनपुर चैक पोस्ट पर पहुंची तो, उसी दौरान पीछे से एक बेकाबू ट्रक आया और जीप को जोर से टक्कर मारी और पीछे से घसीटते हुए ले गया। बेकाबू ट्रक की टक्कर इतनी तेज थी कि जीप पलट गई और ऊपर बैठे यात्री काफी दूर-दूर जाकर गिरे। वहीं, अंदर बैठे यात्री बूरी तरह दब गए। जीप के दरवाजों, सीटों एवं बोनट आदि में पिचक गए। हादसे के बाद बेसुध हो गया था। किसने मुझे निकाला और यहां चिकित्सालय तक लाया। हादसे के दौरान अफरा-तफरी मच गई और लोग इधर उधर भागने लगे। मदद के लिए भी युवा आए थे।
मजूदरों से भरी थी खचाखच जीप
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार डूंगरपुर से निकली यह जीप रोजाना अहमदाबाद सवारियां भरकर जाती है। रविवार को निकली जीप में अधिकांश सवारियां मजदूर थी और वह मजदूरी के लिए ही अहमदाबाद जा रहे थे। वह सभी अहमदाबाद में अलग-अलग जगहों पर काम करते थे। वह कुछ दिनों पहले ही घर आए थे और काम को लेकर वापस रविवार को अहमदाबाद जा रहे थे।