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पुरुषों में दिल के खतरे को बढ़ा सकता है Insulin resistance

Insulin resistance may increase heart risk in men : इंसुलिन रेजिस्टेंस (इंसुलिन प्रतिरोध) के कारण पुरुषों में एओर्टिक स्टेनोसिस का खतरा बढ़ सकता है, जो 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में एक आम हृदय रोग है।

जयपुरNov 28, 2024 / 10:47 am

Manoj Kumar

Insulin resistance may increase heart risk in men

Insulin resistance may increase heart risk in men

Insulin resistance may increase heart risk in men : हाल ही में एनल्स ऑफ मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित एक शोध ने इंसुलिन रेजिस्टेंस (Insulin resistance) और हृदय रोग, विशेष रूप से एओर्टिक स्टेनोसिस (Aortic stenosis) , के बीच गहरा संबंध उजागर किया है। यह स्थिति मुख्य रूप से 45 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों में पाई जाती है। अध्ययन का कहना है कि इंसुलिन रेजिस्टेंस (Insulin resistance) न केवल शरीर में रक्त शर्करा प्रबंधन को प्रभावित करता है, बल्कि महाधमनी वाल्व की कार्यक्षमता पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

एओर्टिक स्टेनोसिस: क्या है यह हृदय रोग? Aortic stenosis: what is this heart disease?

एओर्टिक स्टेनोसिस (Aortic stenosis) तब होता है जब हृदय का एओर्टिक वाल्व संकीर्ण हो जाता है और ठीक से नहीं खुलता। इसका परिणाम यह होता है कि शरीर में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है।
इस स्थिति में यदि समय पर इलाज न किया जाए तो वाल्व और अधिक कठोर हो सकता है, जिससे हृदय को अधिक दबाव झेलकर काम करना पड़ता है। यह स्थिति हृदयाघात तक ले जा सकती है।

Insulin resistance: क्या कहता है शोध?

फिनलैंड के कुओपियो यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं ने 45-73 वर्ष के 10,144 पुरुषों के डेटा का विश्लेषण किया।
10.8 वर्षों के औसत फॉलो-अप के बाद, 116 पुरुषों में एओर्टिक स्टेनोसिस (Aortic stenosis) पाया गया।
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शोध में पाया गया कि जिन पुरुषों में इंसुलिन रेजिस्टेंस (Insulin resistance) के संकेतक जैसे फास्टिंग इंसुलिन, प्रोइंसुलिन और सीरम सी-पेप्टाइड उच्च स्तर पर थे, उनमें इस रोग का खतरा अधिक था।

Insulin resistance may increase heart risk : प्रमुख शोधकर्ता का निष्कर्ष

शोध की प्रमुख लेखिका डॉ. जोहाना कुसिस्टो ने कहा,

“इंसुलिन रेजिस्टेंस (Insulin resistance) महाधमनी स्टेनोसिस का एक परिवर्तनीय और महत्वपूर्ण जोखिम कारक हो सकता है।”

जोखिम कम करने के उपाय

डॉ. कुसिस्टो के अनुसार, मेटाबोलिक स्वास्थ्य को प्रबंधित कर इस रोग के खतरे को कम किया जा सकता है।

वजन घटाना: यह इंसुलिन सेंसिटिविटी को बेहतर बनाने में मदद करता है।

नियमित व्यायाम: शरीर की इंसुलिन के प्रति प्रतिक्रिया सुधारता है।

संतुलित आहार: रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखता है।
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मेटाबोलिक स्वास्थ्य पर ध्यान जरूरी

इंसुलिन रेजिस्टेंस (Insulin resistance) एक तेजी से उभरती समस्या है, खासकर शहरी जीवनशैली के कारण। ऐसे में जागरूकता और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से न केवल हृदय रोगों को रोका जा सकता है, बल्कि उम्र बढ़ने के साथ बेहतर स्वास्थ्य बनाए रखा जा सकता है।
यह शोध न केवल एक नई समझ प्रदान करता है, बल्कि यह भी बताता है कि इंसुलिन रेजिस्टेंस के नियंत्रण में सुधार कर पुरुषों में हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है। भविष्य में इस दिशा में और शोध के लिए प्रेरणा देता है।

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