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जब पारा 45 डिग्री तक पहुंचता है या इसे पार कर जाता है, तो हीट स्ट्रोक (Heat Stroke) की समस्या होने का खतरा भी बढ़ जाता है। पारा 45 डिग्री पहुंचने पर शरीर का थर्मोस्टेट गड़बड़ाने लगता है। इससे सिर में दर्द, चुभन, पैरों में दर्द, दस्त, उल्टी और शरीर में अकड़न जैसे लक्षण सामने आते हैं। जिसे आप आमतौर पर लू लगना कहते हैं। अगर थोड़ी सी लापरवाही की, और अगर थर्मोस्टेट काम करना बंद कर देता है। तो यह लक्षण गंभीर हो सकते हैं।
प्याज का करें सेवन
केरी के पन्ने का करें सेवन
पुदीने का सेवन कर सकते हैं
खूब पीएं छाछ
धूप में कम जाएं, अगर जाएं तो सिर पर रखे गीला टॉवेल
खाली पेट धूप में ना रहे
आंवले के मुरब्बे का रोजाना करें सेवन
शरीर का तापमान 104 डिग्री या इससे ज्यादा होना
शरीर से पसीना निकलना बंद हो जाना
दिल की धड़कन तेज हो जाना
कंफ्यूजन, असंतुलन और दौरे की स्थिति
डायरिया की समस्या
त्वचा पर चकत्ते
तेज सिरदर्द
मांसपेशियों में अकड़न, कमजोरी
चक्कर या बेहोशी आदि
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हीट स्ट्रोक की समस्या होने पर यह करें How is heat stroke treated
खुद डॉक्टर न बनें। विशेषज्ञ को दिखाएं और उनके निर्देशों का पालन करें।
शरीर का तापमान 101 से 102 भी पहुंचे तो समझ जाइए कि ये हीट स्ट्रोक का असर है। ऐसे में घर के कूलर पंखे चलाकर बर्फ की पट्टियां रखें।
इलेक्ट्रॉल या नमक और चीनी का पानी थोड़ी थोड़ी देर में पीएं। शरीर में पानी की कमी न होने दें।
बच्चों को उल्टी दस्त हों तो ओआरएस का पानी थोड़ी-थोड़ी देर में दें।
खाना हल्का व सुपाच्य लें जैसे खिचड़ी, दलिया आदि।