तेज बुखार: टायफॉइड के बैक्टीरिया शरीर में जाने के बाद अपनी संख्या को बढ़ाते हैं। ऐसे में शरीर उन्हें नष्ट करने के लिए तापमान बढ़ा लेता है। इससे पीडि़त को बुखार महसूस होता है। पहले ठंड लगती है फिर तापमान बढऩा शुरू होता है। ये तापमान 103-104 डिग्री फारेनहाइट तक पहुंच जाता है। शरीर का तापमान बढऩे से पाचन संंबंधी एंजाइम्स निष्क्रिय होने लगते हैं।
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सिरदर्द: ऐसे में पीडि़त को दिनभर बुखार चढऩे के साथ-साथ तेज सिरदर्द की शिकायत होती है। लिवर का आकार बढऩा : करीबन एक हफ्ता टायफॉइड रहने के बाद लिवर का आकार बढ़ जाता है। यह खासतौर पर बच्चों में देखने को मिलता है। इस बीमारी में सीने और पेट पर लाल चकते दिखाई देने लगते हैं।
दस्त: टायफॉइड के अधिकतर मरीजों को दस्त और उल्टी की शिकायत होती है। अक्सर इसे आंत की समस्या समझा जाता है। लेकिन इसकी पहचान है स्टूल का रंग गहरा होना। खून की शिकायत व उल्टी भी हो सकती है।
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पेटदर्द: दस्त और उल्टी के साथ पेट में ऐंठन व दर्द की समस्या हो जाती है। पेट में रोगाणुओं के कारण काफी दर्द हो सकता है। इससे कई बार पेट में सूजन भी आ जाती है।
सावधानी: बचाव के लिए साफ-सुथरा खानपान लें। मरीज हैं तो बिना मिर्च-मसाले वाला भोजन करें और डॉक्टर की सलाह से दवाएं लें।
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