scriptBigg boss ott 3 : छोटी उम्र में इस अभिनेत्री का लिवर हुआ खराब, शराब पीने की आदत पर बोली…, जाने क्या है ये गंभीर बीमारी | Bigg Boss OTT Season 3 contestant Sana Maqbool's liver got damaged, spoke on her habit of drinking alcohol, know about autoimmune hepatitis | Patrika News
रोग और उपचार

Bigg boss ott 3 : छोटी उम्र में इस अभिनेत्री का लिवर हुआ खराब, शराब पीने की आदत पर बोली…, जाने क्या है ये गंभीर बीमारी

Bigg boss ott 3 : बिग बॉस ओटीटी सीजन 3 की कंटेस्टेंट सना मकबूल ने हाल ही में शो में अपने स्वास्थ्य के बारे में बात करते हुए भावुक हो गईं। उन्होंने बताया कि वह गैर-मादक हेपेटाइटिस (Non-alcoholic hepatitis) से पीड़ित हैं।

मुंबईJun 28, 2024 / 03:59 pm

Manoj Kumar

Sana Maqbool reveals secret of her battle with non-alcoholic hepatitis

Sana Maqbool reveals secret of her battle with non-alcoholic hepatitis

Bigg boss ott 3 : बिग बॉस ओटीटी सीजन 3 की कंटेस्टेंट सना मकबूल (Sana Maqbool) ने हाल ही में शो में अपने स्वास्थ्य के बारे में बात करते हुए भावुक हो गईं। उन्होंने बताया कि वह गैर-मादक हेपेटाइटिस (Non-alcoholic hepatitis) से पीड़ित हैं। यह एक लीवर की बीमारी है, जिसके बारे में उन्होंने बताया कि उन्हें अपनी जिंदगी में कभी शराब नहीं पीने के बावजूद इसका पता चला।
सना मकबूल (Sana Maqbool) , जिन्हें बिग बॉस ओटीटी 3 (Bigg boss ott 3) में देखा गया था, ने हाल ही में अपनी गंभीर बीमारी के बारे में खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि उन्हें ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस (Autoimmune hepatitis) है, एक ऐसी बीमारी जो बिना किसी बाहरी कारण के यकृत को नुकसान पहुंचाती है। सना ने कहा, ‘मुझे ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस (Autoimmune hepatitis) बीमारी है। मैंने आज तक शराब को हाथ भी नहीं लगाया, लेकिन मेरा लिवर खराब हो गया है। क्योंकि ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस (Autoimmune hepatitis) एक ऐसी बीमारी है, जो इंसान का लिवर खराब कर देती है। फिर चाहें वो शराब पीता हो या ना पीता हो।’
ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस (Autoimmune hepatitis) एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपने ही यकृत की कोशिकाओं पर हमला करती है, जिससे सूजन और यकृत की क्षति होती है। सना ने आगे बताया कि इस बीमारी का पता लगाना आसान नहीं होता और अक्सर लोग तब ही इसके बारे में जान पाते हैं जब यह अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी होती है। लेकिन सना अपने आप को भाग्यशाली मानती हैं क्योंकि उन्हें इस बीमारी का पता शुरुआती चरण में ही चल गया, जिससे वे समय पर उपचार शुरू कर सकीं।
इस बीमारी के लक्षणों में थकान, त्वचा और आंखों का पीला पड़ना, पेट में दर्द और सूजन, और भूख में कमी शामिल हो सकते हैं। इसका उपचार स्टेरॉयड और अन्य इम्यूनोसप्रेसिव दवाओं के माध्यम से किया जाता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली की गतिविधि को नियंत्रित करने में मदद करती हैं। समय पर निदान और उचित उपचार के माध्यम से, इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है और यकृत को और अधिक नुकसान से बचाया जा सकता है।

सना मकबूल का यह खुलासा लोगों को ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस (Autoimmune hepatitis) जैसी गंभीर बीमारियों के प्रति जागरूक करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उनका यह साहसिक कदम न केवल उनके प्रशंसकों को उनकी स्वास्थ्य यात्रा के बारे में बताता है, बल्कि उन्हें इस बीमारी के बारे में अधिक जानकारी और जागरूकता फैलाने का भी अवसर देता है
फैटी लीवर डिजीज की रोकथाम और उपचार के लिए सबसे महत्वपूर्ण है स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना। सही खानपान, नियमित व्यायाम, और तनावमुक्त जीवनशैली से आप इस बीमारी को रोक सकते हैं और यदि पहले से है तो इसे ठीक कर सकते हैं। स्वस्थ रहें और अपने यकृत की देखभाल करें!

ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस: क्या है और कैसे करें उपचार Autoimmune hepatitis: what it is and how to treat it

ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस (Autoimmune hepatitis) एक प्रकार की लीवर की बीमारी है जिसमें हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अपने ही लीवर पर हमला करती है। इससे लीवर में सूजन आ जाती है और लीवर की कोशिकाओं को नुकसान होता है। यह एक गंभीर बीमारी है लेकिन सही समय पर पहचान और उपचार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस के लक्षण Symptoms of autoimmune hepatitis

autoimmune hepatitis
  1. थकान: अत्यधिक थकान और कमजोरी महसूस होना।
  2. त्वचा और आंखों का पीला पड़ना: जिसे पीलिया कहा जाता है।
  3. पेट में दर्द: खासकर ऊपरी दाएं हिस्से में।
  4. भूख में कमी: खाने की इच्छा कम हो जाना।
  5. जोड़ों में दर्द: शरीर के जोड़ों में दर्द और सूजन।
  6. त्वचा पर रैशेज: त्वचा पर लाल धब्बे या रैशेज निकलना।

ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस के कारण Causes of autoimmune hepatitis

इस बीमारी का सटीक कारण अभी तक पूरी तरह से ज्ञात नहीं है, लेकिन माना जाता है कि यह जेनेटिक और पर्यावरणीय कारकों के कारण हो सकता है। यह महिलाओं में अधिक आम है और कई बार यह बीमारी किसी संक्रमण या दवा के रिएक्शन के बाद भी शुरू हो सकती है।

ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस का उपचार Treatment of autoimmune hepatitis

  1. स्टेरॉयड: यह दवाएं लीवर की सूजन को कम करती हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली की गतिविधि को नियंत्रित करती हैं। सबसे आम स्टेरॉयड दवा प्रेडनिसोन है।
  2. इम्यूनोसप्रेसिव दवाएं: अगर स्टेरॉयड पर्याप्त नहीं हैं, तो डॉक्टर इम्यूनोसप्रेसिव दवाओं का प्रयोग कर सकते हैं, जैसे कि अजैथियोप्रिन।
  3. लाइफस्टाइल बदलाव: स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, और तनाव प्रबंधन से भी उपचार में मदद मिलती है।
  4. नियमित जांच: डॉक्टर के पास नियमित जांच करवाना और लीवर की स्थिति की निगरानी करना महत्वपूर्ण है।
  5. ट्रांसप्लांट: गंभीर मामलों में, जब लीवर अत्यधिक क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो लीवर ट्रांसप्लांट की आवश्यकता हो सकती है।

स्वस्थ आदतें

  1. स्वस्थ आहार: ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, और प्रोटीन युक्त आहार लें।
  2. शराब से परहेज: शराब लीवर के लिए हानिकारक है, इसलिए इससे बचें।
  3. नियमित व्यायाम: हर दिन कम से कम 30 मिनट का व्यायाम करें।
  4. तनाव प्रबंधन: ध्यान, योग, और अन्य तनाव प्रबंधन तकनीकों का अभ्यास करें।
ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस (Autoimmune hepatitis) एक गंभीर बीमारी हो सकती है, लेकिन सही समय पर निदान और उचित उपचार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यदि आपको इसके लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और आवश्यक जांच और उपचार करवाएं। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और नियमित चिकित्सीय परामर्श लेकर आप अपनी लीवर की सेहत को बनाए रख सकते हैं।

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