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रोग और उपचार

Blood transfusion : खून चढ़वाने से पहले रखें इन 6 बातों का जरूर ध्यान, ताकि न हो किसी बीमारी या संक्रमण का खतरा

Blood transfusion precautions: कई बार शरीर में खून की अत्यधिक कमी या किसी बीमारी अथवा सर्जरी के समय खून चढ़ाने की जरूरत हो जाती है, लेकिन खून चढ़वाने से पहले कुछ विशेष बातों का ख्याल जरूर रखना चाहिए।

May 27, 2022 / 11:08 am

Ritu Singh

6 things keep mind before blood transfusion to avoid risk

खून चढ़ना शरीर की जरूरत होती है, लेकिन अगर जरा सी असावधानी बरती जाए तो ये कई गंभीर और लाइलाज बीमारियों का कारण भी बन सकती है।इसलिये आपको या पर‍िवार में क‍िसी को खून चढ़ रहा हो तो सावधानी बरतें।
खून चढ़ाना यानि ब्‍लड ट्रॉन्‍सफ्यूजन र‍िस्‍की भी होता है, तब जब इसे चढ़ाने से पहले कुछ बातों का ध्यान न दिया जाए। तो ब्‍लड चढ़वाने से पहले क‍िन बातों का ध्‍यान रखना चाह‍िए, चलिए जानें।
1. एक्‍सपायरी डेट चेक करने के बाद ही ब्लड चढ़वाएं (Check expiry date of blood)
ब्लड हमेशा ब्‍लड बैंक से ही लें। साथ ही ब्‍लड बैग पर एक्‍सपायरी डेट आप खुद से भी चेक करें, केवल डॉक्टर या कंपाउंडर पर निर्भर न रहें। ब्लड हमेशा 2 तरह की डेट के साथ म‍िलता है। एक की एक्सपायरी डेट 35 दिन और दूसरे की 42 द‍िन होती है। पुराना ब्‍लड गई बीमारियों का कारण बन सकता है।
2. खून चढ़ने से जुड़ी हिस्ट्री या रिएक्शन टेस्ट जरूर कराएं (Blood reaction test)
अगर इमरजेंसी में ब्लड नहीं चढ़ाया जा रहा तो मरीज को ब्लड चढ़ाने से पहले उसकी हिस्ट्री और कुछ रिएक्शन से जुड़ी जानकारी जरूर डॉक्टर को दें। यदि खून चढ़ाने के दौरान ही मरीज को बुखार, घबराहट, उल्‍टी या बहुत ठंड लगने लगे तो खून चढ़ाना रोक देना चाहिए। कई बार संक्रमित खून चढ़ने से बॉडी तुरंत र‍िएक्‍ट करने लगती है। नॉर्मल कंडीशन में खून की 15 से 20 बूंदे हर म‍िनट के ह‍िसाब से मरीज को चढ़ाई जाती है। हालांक‍ि मरीज की हालत देखकर स्‍पीड कम या ज्‍यादा की जाती है। शुरूआत में र‍िएक्‍शन देखने के ल‍िये खून धीरे-धीरे चढ़ाया जाता है।
3. गलत ब्‍लड ग्रुप का खून (wrong blood can cause harm)
खून जब भी चढ़ाने की बात आए तो मरीज का सही ब्लड ग्रुप पता होना जरूरी है। साथ ही ब्लड सही ग्रुप का ही चढ़ाया जा रहा यह भी ध्यान देना होगा। ऐसा न होने पर उसकी जान भी जा सकती है। साथ ही जो ब्‍लड हटाया जाता है वो दोबारा इस्‍तेमाल न हो इसका भी ध्यान रखें। एक बार ब्लड की बॉटल यूज हो जाए तो बीच में किसी कारण वश बंद होने पर उसे दोबारा यूज में न लें।
4. ड्रिप लगाते हुए विशेष सावधानी (Air embolism)
खून चढ़ते समय पाइप में हवा बिलकुल न हो, यह आप भी सुनिश्चित जरूर करें। कई बार कंपाउडर या नर्स की लापरवाही से ड्रिप में हवा रह जाती है, जिससे मरीज की जान जा सकती है। खून की बॉटल जब खत्‍म होने वाली हो तो ड्रिप का स्विच ऑफ कर दें। ताकि बॉटल खत्म होने पर कही उल्टा खून बॉटल में न जाने लगे। इसलिए ड्रिप को बंद करना जरूर सीख लें।
5. सैंपल ट्यूब पर स‍िग्नेचर (Labeling of blood)
जिस डोनर का खून लिया जा रहा है उसका सैंपल टेस्‍ट ट्यूब पर अपने स‍िग्‍नेचर करें। इसके साथ ही इस बात का ध्‍यान रखें क‍ि लेबल पर ल‍िखी जानकारी सही हो। संक्रमण खून चढ़ने से ह‍िपेटाइट‍िस बी, सी, एचआईवी आद‍ि भी हो सकता है इसलि‍ये सावधान रहें।
6. ब्लड डोनर पर भी रखें नजर
ब्लड अगर आपके नाते-रिश्तेदार या दोस्त डोनेट कर रहे तो उनकी मेडिकल हिस्ट्री जरूर जान लें। बीमारी न होने के बावजूद ब्लड की लैब टेस्ट कराएं, ताकि अनजानें में कोई छिपी बमारी मरीज में जाने पाएं। साथ ही वही ब्लड डोनेट कर रहा हो जो 48 घंटे के दौरान कोई मेडिसिन या अल्कोहल आदि न लिया हो।
डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। ‘पत्रिका’ इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।

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