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क्यों सरकारी स्कूलों की बजाय प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश दिलाना चाहते हैं अभिभावक

सुविधाघर न होने से खुले में जाने को मजबूर छात्र और शिक्षक

डिंडोरीDec 11, 2023 / 12:37 pm

shubham singh

क्यों सरकारी स्कूलों की बजाय प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश दिलाना चाहते हैं अभिभावक

डिंडौरी. स्कूलों को अपग्रेड करने के लिए योजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। शहरी हों या ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे उन्हे विद्यालयों में सभी सुविधाएं मुहैया हों इस दिशा में हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। बच्चों का इन सरकारी स्कूलों के के प्रति रुझान बढ़े और ज्यादा से ज्यादा बच्चे सरकारी स्कूलों मे प्रवेश ले इसके लिए कहीं सर्व सुविधा युक्त सीएम राइज स्कूल खोले जा रहे हंै तो कहीं स्मार्ट क्लास कि सुविधा दी जा रही है। उन्हे सरकारी स्कूलों तक लाने हर संभव प्रयास किए जा रहे है। इसके बाद भी जिम्मेदारों की लापरवाही व अनदेखी के चलते छात्र-छात्राओं को विद्यालयों में समुचित सुविधा नहीं मिल पा रही है। ऐसे मे सरकारी स्कूलों की वजाय आज भी छात्रों के अभिभावक अपने बच्चों को निजी विद्यालय में प्रवेश दिलाना बेहतर समझते है। जिले में कई ऐसे शासकीय विद्यालय हैं जो कि जर्जर भवन में संचालित हो रहे हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति जिले के करंजिया जनपद पंचायत अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय दपकी टोला की भी है। इस प्राथमिक विद्यालय का संचालन महज दो कमरों में हो रहा है। भवन के अभाव में इन्ही दो कमरों में पहली से लेकर पांचवी तक की कक्षाएं संचालित हो रही है। यहां न तो बच्चे को बैठने की समुचित व्यवस्था है और न ही अन्य सुविधाएं उपलब्ध है। विद्यालय संचालन के नाम पर महज कोरम पूर्ति की जा रही है। इस ओर जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं।
जर्जर हो गया किचन शेड
जानकारी के मुताबिक कुछ वर्ष पूर्व ग्राम पंचायत ने किचन शेड का निर्माण कराया था। गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य की वजह से यह किचन शेड कुछ ही समय में जर्जर हो गया। जर्जर किचन शेड होने की वजह से उसमें मध्यान्ह भोजन पकाने की वजाय जहां बच्चों की कक्षाएं संचालित होती हैं वहां बनाया जा रहा है। स्कूल प्रबंधन ने कई बार वरिष्ठ अधिकारियों को इस संबंध मे अवगत कराया है। ग्राम पंचायत को प्रस्ताव भी दिया गया लेकिन न तो विभाग इस ओर ध्यान दे रहा है और न हि ग्राम पंचायत। जिम्मेदार चुप्पी साधे हुए हैं।
सुविधाघर का भी अभाव
किचन शेड के आलावा दपकी टोला प्राथमिक शाला मे सुविधाघर का भी अभाव है। सुविधाघर न होने के कारण यहां पढऩे वाले छात्र छात्राओं और शिक्षकों को खुले मे जाना पड़ता है। जानकारी के मुताबिक ग्राम पंचायत ने सुविधाघर निर्माण कराया लेकिन वह ढ़ह चुका है। इस वजह से अब परेशानी हो रही है।
इन्ही कमरों में बनता है मध्यान्ह भोजन
प्राथमिक स्कूल दपकी टोला जिन दो कमरो में संचालित हो रहा है उनमें से एक कमरे में बच्चों के लिए मध्यान्ह भोजन भी बनता है। बताया जा रहा है कि बच्चे इन्ही कमरों में बैठकर पढ़ाई करते हैं और यहीं पर उनके लिए एमडीएम भी पकता है। बताया जा रहा है कि विद्यालय में मध्यान्ह भोजन के लिए किचन शेड की व्यवस्था भी नहीं है। ऐसे में बच्चों को चूल्हे से उठने वाले धुएं से परेशानी होती है। इसका असर उनकी सेहत पर भी पड़ता है। इसके अलावा बच्चों की पढ़ाई में भी व्यवधान उत्पन्न होता है।

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