डिंडोरी

बस्ती में घुसकर बछड़े व सुअर का बाघ ने किया शिकार, ग्रामीणों में दहशत

कान्हा रिजर्व फारेस्ट से डिंडौरी के रंजरा बंजरा के जंगल पहुंचा, अलर्ट मोड पर वन अमलाडिंडौरी. छत्तीसगढ़ से जिले की सीमा में पहुंचे चार हाथियों का झुंड किसानों व ग्रामीणों के लिए समस्या बना हुआ है। वन अमला इन हाथियों की निगरानी में जुटा हुआ है। इधर कान्हा रिजर्व फॉरेस्ट से दक्षिण समनापुर वन परिक्षेत्र […]

डिंडोरीNov 21, 2024 / 05:08 pm

Prateek Kohre

कान्हा रिजर्व फारेस्ट से डिंडौरी के रंजरा बंजरा के जंगल पहुंचा, अलर्ट मोड पर वन अमला
डिंडौरी. छत्तीसगढ़ से जिले की सीमा में पहुंचे चार हाथियों का झुंड किसानों व ग्रामीणों के लिए समस्या बना हुआ है। वन अमला इन हाथियों की निगरानी में जुटा हुआ है। इधर कान्हा रिजर्व फॉरेस्ट से दक्षिण समनापुर वन परिक्षेत्र के रंजरा बंजरा वन क्षेत्र में पहुचें बाघ ने लोगों को दहशत में डाल दिया है। वन विभाग की माने तो मंगलवार की दोपहर मंडला जिले के कान्हा रिजर्व फारेस्ट का यह बाघ मुरता गांव के पास हाफिन नदी पार करके बंजरा के जंगल में प्रवेश किया है। इसके बाद बुधवार की सुबह बाघ ने वन ग्राम रंजरा के बस्ती तक पहुंच गया। बस्ती में बाघ ने चैन सिंह के बाड़े में घुस एक बछड़े का शिकार किया, लेकिन गले मे रस्सी बंधे होने की वजह से उसे घसीटकर नहीं ले जा पाया। इसके बाद बाघ ने बाजू में सुअर बाड़ा में घुस एक सुअर को निवाला बनाया और गांव के नजदीक स्थित तालाब के किनारे डेरा जमा लिया। इसके बाद बुधवार की शाम बाघ का मूवमेंट फिर से रंजरा गांव के आस-पास बना हुआ है। रेंजर रेवा सिंह ने बताया कि मंगलवार की दोपहर टाइगर ने वन कक्ष क्रमांक 584 (बी) बंजरा में प्रवेश किया था और बुधवार की सुबह कक्ष क्रमांक 605 (बी) रंजरा में आमद देकर बछड़े और मादा सुअर का शिकार किया है। इंसानी बसाहट के अंदर बाघ की आमद से क्षेत्र के ग्रामीण दहशत जदा हैं। वन अमले ने ग्रामीणों को सतर्कता बरतने की सलाह दी है। इसके साथ ही क्षेत्र में मुनादी करवाई जा रही है। बाघ की सुरक्षा के लिए भी दल तैनात किया गया है।
पूर्व में घट चुकी घटना, वन अमला सतर्क
जिले के वन क्षेत्र में वन्यजीवों के मूवमेंट के बाद वन विभाग सतर्क हो गया है। यहां पूर्व में मादा बाघ का शिकार, वन्यजीवों की खाल तस्करी के मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में जंगली जानवरों की सुरक्षा भी बड़ी चुनौती है। उल्लेखनीय है कि 27 दिसम्बर 2021 को वन परिक्षेत्र डिंडौरी अंतर्गत कक्ष क्रमांक 200 नारायणडीह में टिकरी पिपरी से सारसताल मार्ग के किनारे एक मादा बाघ का शव मिला था। जांच में मादा बाघ को जहर देने की पुष्टि हूई थी। मामले में एक ग्रामीण पर मामला भी दर्ज किया गया था। वहीं जून 2023 में एसटीएफ और स्थानीय वन अमले ने बाघ और तेंदुआ की खाल तस्करी करते तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही शाहपुर रेंज में अझवार मार्ग पर बाइक से तेंदुआ की खाल ले जाते दो लोगों पर कार्रवाई की गई थी। वन विभाग और एसटीएफ ने समय समय पर दबिश देकर संरक्षित वन्य जीवों के अंग जब्त करने की कार्रवाई को अंजाम दिया है। वर्ष 2018 में अचानकमार के रास्ते पूर्व करंजिया के जंगलों में मादा बाघ ने शावकों के साथ हफ्ते भर डेरा डाला था और सकुशल रवाना हो गई थी।
हाथी भी लगातार कर रहे नुकसान
हाथियों के झुंड ने पश्चिम करंजिया वन परिक्षेत्र में आधा दर्जन मकानों को तोडऩे के साथ फसलों को भी क्षतिग्रस्त किया है। बताया गया कि चार हाथियों के दल ने वनग्राम सहजना में मंगलवार की देर रात धान की फसल को नुकसान पहुंचाया था। किसान मोती पिता बिरसिह, जयलाल पिता बिरसिह, रामसिंह पिता दुखीराम, गेंदसिंह पिता समारु की फसल प्रभावित हुई है। घर में रखे अनाज खाकर आवश्यक सामग्री जमीन पर बिखेर दिया। साथ ही बोयरहा ग्राम में चार मकानों में तोडफ़ोड़ कर सामग्री को अस्त व्यस्त कर दिया है। हाथियों ने सोनवती दलसिंह, बैशाखू सिंह, मि_ू लाल व रामदयाल के मकान को क्षतिग्रस्त किया है।
पांच किलोमीटर के रेंज में बाघ कर रहा मूवमेंट
जानकारों का कहना है कि बाघ शिकार के बाद जल स्त्रोत के आसपास ही रहता है। रेंजर रेवा सिंह परस्ते ने बताया कि मंगलवार से बुधवार रात तक बाघ रंजरा और बंजरा के जंगल मे पांच किलोमीटर के दायरे में मूवमेंट करता रहा है। उन्होंने बाघ के पूर्ण वयस्क और तंदुरुस्त होने की जानकारी भी दी है।

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