बच्चों में मेजर यूरोलॉजी संबंधित यूरेटरिक रीइंप्लांटेशन, कॉम्प्लेक्स हाइपोस्पासडियास व म्यूकोसा ग्राफ्ट जैसे ऑपरेशन किए जा रहे हैं। जनवरी 2022 से अब तक 1500 मरीजों की प्रोस्टेट व किडनी की पथरी का ऑपरेशन हुआ है। हर माह लगभग 500 लोग प्लास्टिक सर्जरी विभाग में पहुंचते हैं। शासकीय अस्पतालों में पहला सफल किडनी प्रत्यारोपण भी हो चुका है। जन्मजात लिवर व आंतों से संबंधित बीमारी के ऑपरेशन किए गए। मप्र का एकमात्र सिर व गर्दन की सर्जरी वाला विभाग भी यहां है, जिसमें कैंसर जैसे रोगों से संबंधित ऑपरेशन किए जा रहे हैं। हाल ही में लिवर के माध्यम से हार्ट में पेस मेकर लगाने का सफल ऑपरेशन किया गया।
जनवरी 2022 से ऐसे मिला उपचार
नेफ्रोलॉजी विभाग: 9067 हेमोडायलिसिस सत्र लगाए गए। किडनी रोगियों के लिए बेहतर आइसीयू, बेड साइड आइसीयू डायलिसिस सुविधा। अक्टूबर 2023 में आयुष्मान योजना के तहत पहला किडनी प्रत्यारोपण।
यूरोलॉजी विभाग: हर माह लगभग 1100 मरीज ओपीडी में पहुंचते हैं। दूरबीन व लेजर पद्धति से प्रोस्टेट, किडनी की पथरी व मूत्राशय संबंधी 1500 से अधिक का इलाज किया। यूरोफ्लोमेटरी व यूरोडायनेमिक जांच सुविधा।
न्यूरोलॉजी विभाग: 15008 ओपीडी और 1123 आइपीडी मरीजों का इलाज किया। मरीजों के लिए आइसीयू सहित ईएमजी, ईईजी जांच सुविधा। 30 गंभीर जीबी सिन्ड्रोम से ग्रसित मरीजों का उपचार।
सीटीवीएस विभाग: इंदौर में कार्डियक सर्जरी शुरू करने वाला पहला सरकारी केंद्र है। 6 माह में 50 से अधिक ओपन हार्ट सर्जरी की गई। 100 से अधिक थोरैसिक सर्जरी, 200 से अधिक संवहनी प्रक्रिया।
प्लास्टिक सर्जरी विभाग: हर माह 500 मरीज ओपीडी में पहुंचते हैं और करीब 60 प्लास्टिक सर्जरी होती है। बर्न, हैड व नर्व सर्जरी भी की गई।
पीडियाट्रिक सर्जरी: कुल 8690 मरीज ओपीडी में पहुंचे। 230 से ज्यादा मेजर ऑपरेशन, 330 के करीब मरीज भर्ती हुए। बच्चों में 3 एमएम से लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की शुरुआत। इसमें बच्चों में गॉलब्लेडर, अंडकोष संबंधी बीमारी व हर्निया के ऑपरेशन किए गए।
बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट: 7 वयस्क व 18 बच्चों का बोन मैरो ट्रांसप्लांट।
गेस्ट्रोलॉजी विभाग: पेट के रोगियों के लिए एंडोस्कोपी की सुविधा। 700 से अधिक मरीजों को आइपीडी व 1200 मरीजों को ओपीडी में उपचार दिया। कैंसर से संबंधित मरीजों का उपचार। क्लोनोस्कापी व अल्ट्रा सोनोग्राफी की व्यवस्था।
कार्डियोलॉजी विभाग: एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टिक व पेसमेकर की सुविधा। 2500 से अधिक प्रोसीजर किए।
न्यूरो सर्जरी विभाग: हर वर्ष 3000 से अधिक की ओपीडी, 500 मरीजों का आयुष्मान से इलाज, हर माह 30 से अधिक गंभीर न्यूरो सर्जरी। एंडोवास्कुलर ऑपरेशन व आइसीयू सुविधा।
हेड एंड नेक सर्जरी विभाग: सिर और गर्दन के कैंसर मरीजों का सर्जिकल उपचार।
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में सुविधाएं बढ़ती जा रही हैं। हर विभाग में जटिल ऑपरेशन डॉक्टरों की टीम कर रही है। प्राइवेट अस्पतालों के महंगे खर्च से मरीजों को राहत मिल रही है। – डॉ. सुमित शुक्ला, प्रभारी, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल