पंचायत की लापरवाही से योजनाओं का लाभ पाने के लिए भटक रहे ग्रामीण
नहीं मिल रहा राशन, पेंशन पाने भटक रही बुजुर्ग और विधवा महिलाबजाग. वनग्राम चाड़ा क्षेत्र में ज्यादातर बैगा जनजाति के लोग निवास करते हैं। इस गांव को बैगाचक का केंद्र बिंदु भी कहा जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए नीति आयोग भारत सरकार नई दिल्ली ने ग्राम पंचायत चांडा को आदर्श ग्राम बनाए […]
नहीं मिल रहा राशन, पेंशन पाने भटक रही बुजुर्ग और विधवा महिला
बजाग. वनग्राम चाड़ा क्षेत्र में ज्यादातर बैगा जनजाति के लोग निवास करते हैं। इस गांव को बैगाचक का केंद्र बिंदु भी कहा जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए नीति आयोग भारत सरकार नई दिल्ली ने ग्राम पंचायत चांडा को आदर्श ग्राम बनाए जाने की पहल की है। इसके बुनियादी ढांचे के विकास की कार्ययोजना बनाने जिला प्रशासन के अधिकारियों की लगातार बैठकें हो रही हैं। वहीं ग्राम पंचायत के सचिव की गैर जिम्मेदाराना कार्यप्रणाली से ग्राम के लोगों में नाराजगी व्याप्त है। ग्राम पंचायत के अधिकांश पात्र ग्रामीण शासन की योजनाओं का लाभ पाने से वंचित हैं। ग्राम की विधवा और बुजुर्ग महिला वर्षों से सामाजिक सुरक्षा पेंशन पाने भटक रही हैं। इनमें से कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं जिन्हें पूर्व में पेंशन मिल रही थी, परंतु कुछ महीनों से खाते में पेंशन की राशि ही आनी बंद हो गई। कुछ दिन पहले ग्राम पंचायत में मृत व्यक्तियों को राशन बांटे जाने का मामला प्रकाश में आया था, जो कि मृत्यु उपरांत सालों से राशन ले रहे थे। मामला उजागर होने के बाद आनन फानन में मृत व्यक्तियों की आई डी डिलीट कर दी गई। इसी ग्राम पंचायत में लगभग दो दर्जन से ज्यादा ऐसे परिवार हैं जो कि राशन के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। उन्हें इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। वह कई महीनों तक खाद्यान्न पोर्टल में नाम जुड़वाने भटकते रहे। बताया जा रहा है कि सचिव के रुचि न लेने की वजह से पंचायत में हितग्राही मूलक योजनाओं के प्रकरण लंबित पड़े हुए हैं। इसे लेकर ग्राम पंचायत खम्हेरा के सचिव को कुछ दिनों के लिए इन लंबित कार्यों को निपटाने के लिए ग्राम पंचायत चांडा में भेजा गया है। चांडा को आदर्श ग्राम में शामिल किए जाने योजनाओं से वंचित परिवारों को शासन की योजनाओं का लाभ दिलाए जाने कवायद की जा रही है। पेंशन, संबल, खाद्यान्न योजनाओं से छूटे हुए लोगों के डाटा तैयार कर उन्हें लाभ दिलाए जाने की बात कही जा रही है। पेंशन से वंचित कुछ बुजुर्ग और विधवा महिलाओं के नाम सामने आए हैं जो कि वर्षों से पेंशन के लिए नाम जुड़वाने चक्कर काटती रही। ग्राम पंचायत अंतर्गत जगोतीन बाई पति करवाल, सावनी बाई पति सुखराम, मंगली पति सुखराम, रूठी बाई पति लक्ष्मण और मोहन पिता शिवराम पेंशन के लाभ से वंचित हैं। सन्मति बाई पति बैसाखू जठिया पति संतु के खाते में दो माह से पेंशन नहीं आ रही है। राशन का लाभ पाने हीरालाल, मन्नू, रमली बाई जैसे दर्जनों हितग्राही पोर्टल में नाम जुड़वाने भटक रहे हैं। सिलपिडी ग्राम का एक चौदह वर्षीय दिव्यांग छात्र भी विकलांग प्रमाण पत्र होते हुए भी चार वर्षों से लाभ पाने भटक रहा हैं। उसके माता पिता खाता खुलवाने बैंक के चक्कर काट रहे हैं।
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