बादाम, सौंफ और मिश्री को समान मात्रा में पीस लें. रोज रात को और दोपहर में खाना खाने के बाद इसका सेवन करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है. वात-पित्त और कफ तीनों दोषों को संतुलित रखती है। खाली पेट सौंफ खाने से खून साफ होता है और त्वचा में चमक आती है. आंखों की रोशनी बढ़ाने, पाचन सुधारने के साथ बदहजमी, कब्ज, एसिडिटी व अधिक प्यास की समस्या में गुणकारी है। यह माउथ फे्रशनर है। तनाव, हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल घटाती है। सौंफ के उबले पानी और सूप के सेवन से पेट फूलने की समस्या से राहत मिलती है और ये वजन घटाने में भी सहायत है। सौंफ के बीजों का इस्तेमाल दर्द निवारक के रूप में भी किया जा सकता है। सूजन कम करने में भी सौंफ असरकारी है।
इस्तेमाल : सौंफ को पीसकर आप इसके पाउडर का सेवन चाय में भी कर सकते हैं। सौंफ को चाय में डालने से चाय का काफी अच्छा स्वाद आएगा। सौंफ को ज्यादा पकाने से इसके गुण नष्ट हो जाते हैं। हालांकि तवे पर हल्का सेंक सकते हैं। इसे भिगो-ेकर या खाद्य सामग्री के पकने के बाद डालें। इसे साबुत के अलावा चूर्ण या चाय में या पानी में भिगोकर भी ले सकते हैं। सौंफ के बीजों का आचार बनाने में भी उपयोग होता है।