निष्कर्षों से पता चला कि सप्ताह में ज्यादा दिन एक्सरसाइज करने की इच्छाशक्ति रखने से बेहतर परिणाम मिलेंगे। यह अध्ययन इस समझ को और बेहतर बनाने में मदद कर सकता है कि मानव शरीर एक्सरसाइज के प्रति किस प्रकार प्रतिक्रिया करता है।
पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में एडिथ कोवान यूनिवर्सिटी (ईसीयू) के अध्ययन प्रमुख प्रोफेसर केन नोसाका ने कहा, “हमारे पिछले काम से पता चला है कि नियमित रूप से की गई कम अवधि की एक्सरसाइज एक या दो बड़े प्रशिक्षण सत्रों की तुलना में अधिक फायदेमंद है।”
नोसाका ने कहा, “अब हमें इस बात का स्पष्ट अंदाजा हो गया है कि वह निर्णायक बिंदु कहां है, जहां आप इस तरह की न्यूनतम एक्सरसाइज से सार्थक लाभ देखना शुरू करते हैं।” यूरोपियन जर्नल ऑफ एप्लाइड फिजियोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन में प्रतिभागियों को एक भारी डम्बल से तीन सेकेंड प्रयास वाला बाइसेप करते देखा गया।
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नोसाका ने कहा, “अब हमें इस बात का स्पष्ट अंदाजा हो गया है कि वह निर्णायक बिंदु कहां है, जहां आप इस तरह की न्यूनतम एक्सरसाइज से सार्थक लाभ देखना शुरू करते हैं।” यूरोपियन जर्नल ऑफ एप्लाइड फिजियोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन में प्रतिभागियों को एक भारी डम्बल से तीन सेकेंड प्रयास वाला बाइसेप करते देखा गया।
नए अध्ययन में प्रतिभागियों को दो समूहों में विभाजित किया गया था, पहला समूह प्रति सप्ताह में दो दिन, तीन सेकेंड की एक्सरसाइज करता था। वहीं दूसरा समूह सप्ताह में तीन दिन एक्सरसाइज करता था।
चार सप्ताह के बाद शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों की बाइसेप्स की तुलना की।
जिन लोगों ने प्रति सप्ताह दो दिन एक्सरसाइज की, उनमें कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं देखा गया। हालांकि, तीन दिन एक्सरसाइज करने वाले समूहों में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई। हालांकि, सप्ताह में पांच दिन एक्सरसाइज करने वालों की मांसपेशियों में काफी वृद्धि देखने को मिली।
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(आईएएनएस)