जिले में लगातार केस मिल रहे है। जिले में वर्तमान में 763 मरीज एचआईवी संक्रमित हैं। जिनमें से 400 पुरुष संक्रमितों का इलाज चल रहा है तथा 326 संक्रमित महिलाओं का इलाज जारी है। जिले के लिए ये चिंताजनक बात है। एचआईवी संक्रमित लोगों के इलाज के लिए साल 2020 में धौलपुर जिला अस्पताल में एआरटी सेेंटर बनाया गया, जिसके बाद इनके मरीजों की जांच व दवा यहां से मिलने लगी। हर माह एक दर्जन मरीज सामने आ रहे थे। वहीं अब एड्स के प्रति लोगों में जागरुकता बढऩे से मरीजों की संख्या कम आ रही है। जिले में प्रतिवर्ष पॉजिटिव रोगियों की संख्या पहले बढ़ती दिख रही थी। लेकिन साल 2023 में मरीजों की संख्या कुछ घटी है। हालांकि जिले में बीते 11 महीने में पंाच दर्जन से अधिक एड्स के नए मरीज सामने आए हैं। इनमें महिलाओं की भी संख्या लगातार बढ़ रही है।
पीडि़तों में 50 फीसदी वे परिवार शामिल हैं जो कि रोजगार की तलाश में दूसरे शहर गए और वहां से संक्रमित होकर लौटे हैं। साल 2022 की बात करें तो इस साल भी हर माह में करीब एक मरीज एड्स के सामने आए है। एड्स को नियंत्रित करने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं। इनमें प्रतिवर्ष लाखों रुपए खर्च हो रहे हैं। इसके चलते ही लोगों में जागरुकता आ रही है। जनवरी से नवंबर तक जिले में 86 पीडि़त सामने आए हंै।
दवा के सहारे चलते रहे जिले में चार साल में अभी तक 52 मरीजों एचआईवी पॉजिटिव की इलाज के सहारे जीवन गुजारते रहे। लेकिन वह खुद हार गए लेकिन उनकी संक्रमित बीमारी पीछे नहीं छूटी। वहीं छह माह पूर्व जिले के एक गांव में पति-पत्नी को जानकारी नहीं हुई कि वह एचआईवी संक्रमित हो गए। जब उन्होंने जांच कराई तो दोनों ही संक्रमित निकले। इसके साथ ही उनके बच्चे भी संक्रमित हो गए। बीमारी से परेशान होकर दवा नहीं खाने से दोनों ने दम तोड़ दिया। जब परिवार के सदस्यों को जानकारी हुई तो उनकी दवा घर के बक्से में बंद मिली।
लाल रिबन और एड्स का संबंध विश्व में पहली बार 1991 में लाल रिबन को एड्स का निशान बनाया गया। ऐसा इसलिए किया गया कि इसका संबंध खून से था। एड्स भी खून से फैलने वाली बीमारी है और यह लाल रंग का होता है। इसके चलते एड्स को डिनोट करने के लिए लाल रंग को चुना गया।
ये हैं एड्स के कारण – एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध से- एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाने से – एचआईवी संक्रमित सुई के उपयोग से जिले में हर साल मरीज आए सामने
वर्ष मरीज 2020 2422021 290 2022 1452023 86 (स्त्रोत: एचआईवी विभाग) जो मरीज संक्रमित आ रहे है। सभी की इलाज चल रहा है। समय-समय पर उनकी जांच भी की जाती है। वहीं किसी मरीज को कोई परेशानी है। इसका इलाज एक ही कि जागरूक रहना चाहिए।
– डॉ. आरपी त्यागी, नोडल अधिकारी, एआरसी सेंटर धौलपुर