बता दें कि शहर में सैंपऊ रोड और बाड़ी रोड पर निकल रही नहरों पर अतिक्रमण के चलते बरसात के दौरान पानी का बहाव आगे नहीं जा पाया था। जिससे कॉलोनियों में पानी भर गया था। उधर, बैठक में नगर परिषद से मौजूद मुख्य सफाई निरीक्षक प्रकाश श्रीवास्तव को भी कॉलोनियों से भरे पानी निकालने के लिए कहा। साथ ही कहा कि अधिशासी अभियंता को अतिक्रमण हटाने के लिए कहा था लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया। कहा कि ये बर्दाश्त नहीं होगा। जनसुनवाई के दौरान डीडीआईसीडीएस भूपेश गर्ग, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.जयन्ती लाल मीना, सहायक निदेशक लोक सेवाएं मुकेश कुमार, तहसीलदार धौलपुर धर्म सिंह सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।जलभराव की बताई तीन मुख्य वजहडीएम जनसुनवाई में शहर में जलभराव की मुख्य तौर पर तीन समस्याएं बताई। पहली नहरतंत्र पर अतिक्रमण होना, दूसरी रेलवे पुलिया के कार्य नहीं होना और शहर में जगह-जगह नाले और नालियों पर हो रहे अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई नहीं करना। उधर, सिंचाई विभाग ने नहरों पर हो रहे अतिक्रमणों को चिह्नित कर कार्रवाई करने की बात कही।परिवादियों ने सुनाई अपनी पीड़ा
जनसुनवाई में परिवादी रामविलास ने खेत की नाप के संबंध में परिवाद प्रस्तुत किया। जिस पर जिला कलक्टर ने तहसीलदार मनियां को आवश्यक कार्रवाई के लिए कहा। परिवादी रामेश्वर शर्मा ने कौलारी में सडक़ सीमा में हो रहे अवैध निर्माण को हटवाने के संबंध में मामला दर्ज कराया। जिस पर जिला कलक्टर ने तहसीलदार सैंपऊ को समुचित कार्यवाही के निर्देश दिए। जनसुनवाई के दौरान ग्राम पचगांव के गौड मौहल्ला निवासी परिवादियों ने विगत एक माह से मौहल्ले में पानी की सप्लाई में व्यवधान होने के बारे में बताया। जिस पर जिला कलक्टर ने पीएचईडी को समस्या के निस्तारण के लिए निर्देश दिए। परिवादी महेश बधौरिया निवासी कायस्थ पाडा को बारिश के कारण क्षतिग्रस्त मकान की मरम्मत के लिए स्वीकृत राशि का भुगतान कराए जाने के लिए निर्देश दिए।