प्रतिदिन एक हजार कट्टे सरसों की आवक
कृषि उपज मंडी में करीब एक सप्ताह पूर्व 42 प्रतिशत तेल के कंडीशन वाली सरसों के दाम 5300 से 5400 रुपए प्रति क्विंटल थे। शुक्रवार को सरसों के दाम एमएसपी यानि समर्थन मूल्य खरीद के भाव 5650 रुपए की लक्ष्मण रेखा को भी पार करते हुए 6100 रुपए क्विंटल तक पहुंचे, जबकि 44 प्रतिशत तेल कंडीशन वाली सरसों के दाम 5820 रुपए प्रति क्विंटल रहे हैं। मंडी में प्रतिदिन एक हजार कट्टे सरसों की आवक हुई है। किसानों का अनुमान है कि यह तेजी आगामी दिनों में भी बने रहेगी। ऐसे में उन्हें मंडी में एमएसपी से अधिक दाम मिल सकते हैं। मंडी में सरसों के दामों में एक साथ आई उछाल से आढ़तिए भी खुश हैं। आढ़तियों का मानना है कि मंडी में 6100 रुपए के दाम मिलने के चलते किसान समर्थन मूल्य के बजाए सीधे मंडी में फसल बिक्री कर रहा है। उसके नकद भुगतान भी मिल रहा है। दूसरी ओर सरसों के दाम में आई इस तेजी से बाजार में सरसों तेल के दाम भी लगातार बढ़ोत्तरी होना शुरू हो गया है। शुक्रवार को सरसों का तेल 130 रुपए प्रति लीटर पहुंच गया है। जो कि गत कुछ दिनों पूर्व 110 रुपए ही था। इसी तरह तेल के दामों में भी तेजी हो रही है।
सहकारी क्रय-विक्रय केन्द्र पर सन्नाटा
मंडी में सहकारी क्रय-विक्रय पर फिर एक सप्ताह से सन्नाटा पसरा हुआ है। मंडी में एमएसपी से अधिक दाम मिलने से किसानों से पंजीकरण कराने के बाद भी क्रय-विक्रय केन्द्र पर नहीं पहुंचे है। शुक्रवार को केन्द्र प्रभारी ने बताया कि 17 मई को आखरी बार केन्द्र पर सरसों की तुलाई हुई थी। उस दिन पांच किसानों ने 100 क्विंटल सरसों बिक्री की थी। उसके बाद किसानों ने आना बंद कर दिया है। केन्द्र पर एमएसपी मूल्य पर सरसों बिक्री करने के लिए 589 किसानों ने पंजीकरण कराया था। जिसमें से 363 किसान सरसों की बिक्री कर चुके है। जिसमें अब तक सरसों की 7503 क्विंटल सरसों खरीदी जा चुकी है।
डिमांड पूरी नहीं होने के कारण आई तेजी
मंडी के आढ़तियों का कहना है कि बीते कुछ दिनों में सरसों के दाम 10 प्रतिशत तक बढ़े हैं। इसके पीछे बड़ा कारण सोयाबीन के उत्पादक देश ब्राजील में बाढ़ आना है, जिससे विदेेशों में भी भाव बढ़े हैं। वहां से भारत में भी तेल का आयात होता है। आयात प्रभावित होने से लोकल तेल की भी डिमांड बढ़ी है। इसके अलावा इस बार सरसों की बंपर पैदावार की बात कही जा रही थी, लेकिन अब लग रहा है कि पैदावार अनुमान से 20 प्रतिशत कम हुई है। आढ़तियों के अनुसार यह तेजी आगे भी जारी रहने का अनुमान है।