बता दें कि हवलदार रंजीत सिकरवार अपनी टुकड़ी के साथ सिक्किम में नदी में आई बाढ़ की चपेट में आ गए। 4 अक्टूबर 2023 की रात्रि को हुई इस भयावह घटना में दर्जनों सैनिक व वाहन तीस्ता नदी में बह गए। राजाखेड़ा के हवलदार रंजीत समेत कई सैनिकों का कोई भी सुराग नहीं मिला। जिस पर 8 महीने बाद अब इन्हें शहीद घोषित किया गया है। सोमवार को आर्मी के अधिकारियों एवं जवानों की टुकड़ी ने इच्छापुरा गांव पहुंचकर शहीद रंजीत सिकरवार को सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी। इन अवसर पर जिला कलक्टर बीटी ने कहा कि शहीद का परिवार अकेला नहीं है वरन पूरा देश उनके साथ खड़ा है।
सरकार हर संभव मदद उनके परिवार को देने के लिए कृत संकल्पित है। विधायक बोहरा ने कहा कि राजाखेड़ा क्षेत्र वीरों की भूमि है, जहां जम्मू कश्मीर के नगरोटा में गढ़ी जाफर के शहीद राघवेंद्र पुलवामा में जैतपुर के भगीरथ और अब सिक्किम में रंजीत सिंह ने देश की सुरक्षा की खातिर अपने प्राणों का बलिदान कर दिया। हमे अपनी मिट्टी में समाहित वीरता और उसमे जन्मे लाल जो बहादुरी का प्रतीक बन चुके है उन पर तो गर्व है ही उनके परिवारों की जिजीविशा पर भी गर्व है।