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धौलपुर

विवाह समारोह में 61 जोड़े बने एक-दूजे के हम सफर

– कलक्टर और जिला न्यायाधीश ने दिया आशीर्वाद

धौलपुर. मचकुण्ड परिसर में एक नई इबारत लिखी गई। जहां 61 बेटियों ने विवाह बंधन में बंधकर नव दापत्य जीवन की शुरुआत की। बेटियों का विवाह सामूहिक विवाह समारोह के दौरान कराया गया। इस दौरान मचकुण्ड परिसर को दुल्हन की तरह सजाया गया था।

धौलपुरJun 10, 2024 / 05:52 pm

Naresh

– कलक्टर और जिला न्यायाधीश ने दिया आशीर्वाद
धौलपुर. मचकुण्ड परिसर में एक नई इबारत लिखी गई। जहां 61 बेटियों ने विवाह बंधन में बंधकर नव दापत्य जीवन की शुरुआत की। बेटियों का विवाह सामूहिक विवाह समारोह के दौरान कराया गया। इस दौरान मचकुण्ड परिसर को दुल्हन की तरह सजाया गया था। और हर जोड़ी के लिए अलग मण्डप भी तैयार किया गया। तो वहीं एसडीएम डॉ. साधना शर्मा और सभापति खुशबू सिंह ने अपने हाथों से दुल्हनों का शृंगार किया।
मचकुण्ड परिसर में सामूहिक विवाह कार्यक्रम के दौरान 61 बेटियों का विवाह बड़े ही धूमधाम के साथ किया गया। विवाह समारोह में जिला कलक्टर और जिला न्यायाधीश ने पहुंचकर विदाई समारोह में भाग लिया और नव दंपति को आशीर्वाद दिया। साथ कार्यक्रम में शहर के गणमान्य नागरिकों ने भी शिरकत कर नव दंपति को आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर विवाह समारोह के संयोजक अनिल अग्रवाल ने बताया कि विवाह समारोह बड़े ही आनंद के साथ सपन्न हुआ। इस समारोह के दौरान असहाय बेटियों के पीले हाथ किए गए। जिनमें से कुछ बेटियों के ना माता-पिता हैं और ना ही भाई बहन। कार्यक्रम के दौरान 46 हिंदू बेटियों, 8 मुस्लिम तथा 7 सिक्ख समुदाय की बेटियों की शादी कराई गई। कार्यक्रम के कर्ता-धर्ता अनिल कुमार इससे पहले भी 6 बार सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित करा चुके हैं। और यह उनके द्वारा आयोजित कराए जाने वाला 7वां सामूहिक विवाह आयोजन था। जिसमें ना ही वर पक्ष और ना ही वधु पक्ष से कोई रुपए लिया गया। समारोह का सारा खर्च समिति की ओर से किया गया। विवाह कार्यक्रम के दौरान वहां आने वाले लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था ाी की गई थी। तो समिति ने बेटियों को उपहार स्वरूप सामान भी भेंट किया। तो वहीं शहर के गणमान्य नागरिकों ने भी बेटियों को जी भर कर दान किया।
16 बेटियों के ना पिता और ना माता

सामूहिक विवाह कार्यक्रम के दौरान शहर की 61 असहाय बेटियों का पीले हाथ कर भविष्य संवारा गया। इन बेटियों में कई बेटियां ऐसी हैं जिनके ना तो माता पिता हैं और ना ही भाई बहन। 61 बेटियों में से 17 बेटियां ऐसी थीं जिनके पिता नहीं थी। तो 16 बेटियां ऐसी थीं जिनके ना पिता हैं और ना ही माता। तो 9 बेटियां ऐसी थीं जिनके कोई भाई नहीं है। ऐसी स्थिति में समिति ने इन आगे बढकऱ इन जरूरतमंद बेटियों के पीले हाथ कराए।
भोजन के साथ ठण्डे पेय की रही व्यवस्था

कार्यक्रम के दौरान वर और वधू पक्ष के साथ अन्य लोगों के लिए भी भोजन की व्यवस्था समिति द्वारा की गई थी। साथ ऐसी गर्मी में ठण्डे पानी के साथ ठण्डा पेयजल भी कार्यक्रम में आए लोगों को दिया गया। जिससे वर और वधू दोनों पक्ष के लोगों को कोई परेशानी नहीं हुई और इस विवाह आयोजन से खुश दिखे।

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