इस संबंध में पंडित एके शुक्ला का कहना है कि एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान श्री गणेश को श्री वेद व्यास ने श्री गणेश को लगातार 10 दिन तक महाभारत कथा सुनाई थी, इस कथा का प्रारंभ गणेश चतुर्थी से किया गया, जिसे श्री गणेश जी ने अक्षरश: लिखा था।
यह देखकर उन्हें शीतल सरोवर में ले जाकर पानी में उतारा गया। साथ ही इस दौरान 10 दिनों तक वेदव्यास जी ने श्री गणेश को मनपसंद आहार अर्पित किए तभी से श्री गणेश प्रतिमा का स्थापन और विसर्जन किया जाता है और 10 दिनों तक उन्हें उनका मनपसंद भोग लगाने की प्रथा है।
माना जाता है कि इसी के बाद से श्री गणेश की माटी की प्रतिमा को स्थापित कर 10 दिनों तक उन्हें खास प्रसाद चढ़ाकर उसी समय का स्मरण करते हुए उनका सम्मान किया जाता है। जबकि शीतल सरोवर में जिस तरह वेदव्यास जी ने उन्हें राहत दिलाई थी, उसी तरह से श्री गणेश को पुन: उनके दिव्य धाम के लिए विदा किया जाता है। माना जाता है कि गणेशोत्सव के दौरान श्री गणेश 10 दिन के लिए धरती पर आकर भक्तों की कामना की पूर्ति करते हैं।