भगवान श्रीकृष्ण के प्रस्ताव में शामिल थे ये पांच गांव
पानीपत महाभारत के समय पानीपत को पांडुप्रस्थ के नाम से जाना जाता था, जो वर्तमान में शहर में तब्दील हो गया है। यह हरियणा राज्य का प्रसिद्ध शहर है। यह देश की राजधानी दिल्ली करीब 90 किमी की दूरी पर स्थित है। वहीं इससे लगभग 70 किमी दूरी पर कुरुक्षेत्र का मैदान है जहां महाभारत का भीषण संग्राम हुआ था। सोनीपत सोनीपत का पुराना नाम स्वर्णप्रस्थ था। लेकिन अब इसको सोनीपत के नाम से जानते हैं। यह वर्तमान में हरियाणा राज्य का मशहूर जिला है। तिलकपत यह भी हरियाणा के फरीदाबाद जिले का एक कस्बा है। जिसको महाभारत के समय तिलकप्रस्थ के नाम से जानते थे।
बागपत बागपत उत्तर प्रदेश का फैमस जिला है। महाभारत के दौरान इसे बाघप्रस्थ के नाम से जाना जाता था। कहा जाता है कि यहां के जंगलों में बाघ रहते थे। इसी जगह पर कौरवों में लक्षागृह में जलाकर पांडवों को मारने की साजिश रची थी।
दुर्योधन का अहंकार विनाश का कारण
पांडवों की तरफ से श्रीकृष्ण इन्हीं पांच गांवों का प्रस्ताव लेकर दुर्योधन के पास गए थे, जो कि न्यायोचित था। लेकिन दुर्योधन ने अहंकार में आकर यहां तक कह दिया था कि वह पांडवों को पांच गांव तो क्या सूई की नोक के बराबर भी जमीन मैं पांडवों को नहीं दूंगा। यहीं से महाभारत के युद्ध की नीव जमीं और कौरवों का पूरा वंश नष्ट हो गया।