चैत्र मास की अमावस्या शुक्रवार 5 अप्रैल को हैं- धन प्राप्ति के लिए जरूर करें ये महाशक्तिशाली उपाय-
– श्री आदि लक्ष्मी के इस मूल मंत्र- ॐ श्रीं का जप 1100 बार करें ।
– श्री धान्य लक्ष्मी के इस मंत्र ॐ श्रीं क्लीं का एक हजार बार जप करने से जीवन में धन और धान्य भरपूर मिलता हैं ।
– श्री धैर्य लक्ष्मी – ये जीवन में आत्मबल और धैर्य को संबोधित करती है तथा इनका मूल मंत्र है – ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ।।
– श्री गज लक्ष्मी – ये जीवन में स्वास्थ और बल को संबोधित करती है तथा इनका मूल मंत्र है – ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ।।
– श्री संतान लक्ष्मी – ये जीवन में परिवार और संतान को संबोधित करती है तथा इनका मूल मंत्र है – ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ।।
– श्री विजय लक्ष्मी यां वीर लक्ष्मी – ये जीवन में जीत और वर्चस्व को संबोधित करती है तथा इनका मूल मंत्र है – ॐ क्लीं ॐ ।।
– श्री विद्या लक्ष्मी – ये जीवन में बुद्धि और ज्ञान को संबोधित करती है तथा इनका मूल मंत्र है – ॐ ऐं ॐ ।।
– श्री ऐश्वर्य लक्ष्मी – ये जीवन में प्रणय और भोग को संबोधित करती है तथा इनका मूल मंत्र है – ॐ श्रीं श्रीं ।।
ऐसे करें पूजन
– इनकी पूजा रात 10 बजे से 12 बजे के बीच होती है ।
– इनकी पूजा हमेशा गुलाबी कपड़े पहनकर और गुलाबी आसन पर बैठकर ही करें ।
– गुलाबी कपड़े पर श्री यत्र और अष्ट लक्ष्मी की तस्वीर स्थापित करें ।
– किसी भी थाली में गाय के घी के 8 दीप जलाएं ।
– गुलाब के सुगंध की अगरबत्ती जलाएं और लाल फूल और लाल माला चढ़ाएं ।
– कमल गट्टे की माला हाथ में लेकर ‘ऐं ह्रीं श्रीं अष्टलक्ष्मीयै ह्रीं सिद्धये मम गृहे आगच्छागच्छ नम: स्वाहा ।।
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