1- शुक्रवार की रात को घर के पूजा स्थल पर एक चौकी पर सफेद कपड़े का आसन लगाकर उसपर कलश रखें। कलश के ऊपर शुद्ध केसर से स्वस्तिक का चिन्ह बनाकर उसमें पानी भर दें। अब कलश में चावल, दूर्वा और एक सिक्का डाल दें। फिर एक छोटी सी प्लेट में चावल भरकर उसे कलश के ऊपर रख दें। अब उसके ऊपर श्रीयंत्र की स्थापना कर दें। फिर उसी कलश के बाई ओर चार बत्ती वाला दीपक जलाकर उसका कुंकुम और चावल से पूजन करें। इसके बाद 15 मिनट तक माता लक्ष्मी का ध्यान करें। आपकी मनोकामना अवश्य पूरी होगी।
2- अमावस्या के दिन चावल की खीर बनाकर उसमें एक रोटी को बारिक पीसकर मिला लें, अब इसे कौओं के खाने के लिए अपने घर की छत पर रख दें। इस उपाय से घर के पितरों का आशीर्वाद मिलने के साथ पितृ दोष से मुक्ति भी मिलेगी। अगर कुंडली में किसी प्रकार का पितृ दोष हो तो उसका अशुभ असर भी समाप्त हो जाता है। साथ ही रूके हुए काम बनने लगता है।
3- अगर किसी जातक की कुंडली में चंद्र अशुभ हो या किसी दुष्ट ग्रह के प्रभाव से अपना पूरा असर नहीं दे पा रहा है, तो ऐसे जातक को अपनी माता से एक मुट्ठीभर चावल विधिपूर्वक दान ले लेने चाहिए। इससे हमेशा के लिए चन्द्रमा की अशुभवता दूर हो जाती है।
4- किसी शुभ मुहूर्त या पूर्णिमा के दिन चावलों को केसर या हल्दी में रंग कर पीला कर लें। ध्यान रखें कि चावल का कोई भी दाना टूटा हुआ न हो। अब इन चावलों को किसी मंदिर में जाकर भगवान को समर्पित कर दें और उनसे अपनी इच्छा पूरी करने की प्रार्थना करें। जल्दी ही आपकी सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी
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