क्या है शनि की टेढ़ी नज़र
महादशा और अंर्तदशा में भी शनि देव अशुभ प्रभाव देते हैं। यदि किसी के कुंडली में शनि किसी अशुभ भाव में यानि की तीसरे, सातवें या दसवें भाव में विराजमान हो तो शनि का अशुभ प्रभाव मिलने लगता है।
महादशा और अंर्तदशा में भी शनि देव अशुभ प्रभाव देते हैं। यदि किसी के कुंडली में शनि किसी अशुभ भाव में यानि की तीसरे, सातवें या दसवें भाव में विराजमान हो तो शनि का अशुभ प्रभाव मिलने लगता है।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, हर ग्रह के पास एक दृष्टि होती है जिसे सातवीं दृष्टि कहा जाता है लेकिन गुरु, मंगल और शनि के पास और भी दृष्टियां होती हैं। शनि देव के पास सातवीं, तीसरी और दसवीं दृष्टि भी होती है। जिस भी ग्रह या भाव पर शनि की ये दृष्टि पड़ जाए उसका नाश हो जाता है।
टेढ़ी नज़र का प्रभाव अगर शनि देव की टेढ़ी नजर किसी पर पड़ जाए तो वह किसी भी जातक को रोगी बना सकता है। कहा जाता है कि उसे पैरों का कोई रोग हो सकता है। इसके अलावे धन हानि भी होता है और व्यपार में नुकसना होने की प्रबल संभावना होती है। कभी-कभी ये भी होता है कि बनते-बनते काम बिगड़ जाता है। इसके अलावा खर्चों का बढ़ना और मानसिक तनाव भी इसका अशुभ होता है। साथ ही बार-बार चीजों का टूटना भी शनि की टेढ़ी नजर का संकेत देती है।
बचने के उपाय शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें। कहा जाता है कि जो व्यक्ति शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करता है और हनुमान जी की उपासना करता है, उसे हनुमान जी के साथ-साथ शनि देवी की भी कृपा प्राप्त होती है।
शनिवार को शनि मंदिर जाकर उनका दर्शन करें साथ ही पीपल के पेड़ के नीचे सरसों तेल के दीपक जलाएं। ऐसा करने से शनि दोष में शांति मिलती है। इसके साथ ही शनिवार को काले चने और काली उड़द की दाल दान करने से भी लाभ मिलता है।