bell-icon-header
धर्म-कर्म

Shabari Jayanti 2023 Vrat: इस दिन भक्त और भगवान की साथ होती है पूजा, जान लें शबरी जयंती डेट

शबरी जयंती व्रत (Shabari Jayanti 2023 Vrat) भगवान और भक्त के प्रेम का व्रत है। फाल्गुन कृष्ण सप्तमी के दिन माता शबरी (Shabari Jayanti 2023 Vrat) को भगवान श्रीराम के दर्शन हुए थे, इसीलिए इस दिन शबरी जयंती मनाई जाती है। इस दिन भक्त और भगवान की एक साथ पूजा होती है।

Feb 08, 2023 / 08:25 pm

Pravin Pandey

shabari jayanti 2023

Shabari Jayanti 2023: फाल्गुन कृष्ण पक्ष सप्तमी को हर साल शबरी जयंती (Shabari Jayanti 2023) मनाई जाती है। यह दिन भगवान के प्रति भक्त के प्रेम का प्रतीक है। इस दिन भगवान श्रीराम के साथ माता शबरी की भी पूजा की जाती है। इस साल 13 फरवरी यानी कुंभ संक्रांति के दिन यह पूजा की जाएगी।
मान्यता है कि इसी दिन माता शबरी को भगवान के दर्शन हुए थे। इस दिन माता ने भगवान के स्वागत में उन्हें जूठे बेर खिलाए थे, जिसे भगवान श्रीराम ने बड़े चाव से खाया था और शेषावतार लक्ष्मण इस दृश्य का साक्षी बनकर हैरान थे।
शबरी जयंती मुहूर्तः दृक पंचांग के अनुसार फाल्गुन कृष्ण सप्तमी तिथि की शुरुआत 12 फरवरी सुबह 9.45 बजे से हो रही है, जबकि यह तिथि 13 फरवरी को सुबह 9.45 बजे संपन्न हो रही है। लेकिन उदया तिथि में सप्तमी यानी शबरी जयंती 13 फरवरी को मनाई जाएगी।
ये भी पढ़ेंः वेलेंटाइन डे के दिन पड़ रहा है महत्वपूर्ण व्रत, कुंआरी लड़कियां भी रखती हैं उपवास


शबरी की कथाः धार्मिक ग्रंथों के अनुसार शबरी का नाम श्रमणा था, इनका जन्म शबरी परिवार में हुआ था और भगवान श्रीराम की बड़ी भक्त थीं। एक कथा के अनुसार जब विवाह योग्य हुईं तो इनका विवाह भील कुमार से तय कर दिया गया, उस समय इस समाज में विवाह में जानवरों की बलि की प्रथा थी, माता ने इसका विरोध किया और विवाह नहीं किया। वहीं एक अन्य कथा के अनुसार पति के अत्याचार से तंग आकर वन चली आती हैं और पूजा अर्चना में लगी रहती हैं। बाद में भगवान श्रीराम से इनकी मुलाकात हुई।

कथा के अनुसार जब श्रीराम शबरी से मिले थे, उस समय माता शबरी के पास श्रीराम के स्वागते के लिए बेर ही थी। लेकिन उन्हें शंका थी कि कहीं बेर खट्टे न निकल जाएं, इसलिए माता शबरी भगवान को अपनी कुटिया में बैठाकर पहले बेर खाती थी और मीठा होने पर बचा हिस्सा भगवान को खिलाती थी, जिसे भगवान श्रीराम चाव से खा रहे थे। भगवान और भक्त की यह प्रेम भावना अकल्पनीय थी। इसी पवित्र प्रेम की याद में हर साल इस दिन शबरी जयंती मनाई जाती है।
शबरी जयंती की पूजा विधिः शबरी जयंती पर उत्सव मनाया जाता है साथ ही भगवान श्रीराम के साथ माता शबरी की पूजा की जाती है। पूजा के लिए यह विधि अपनाई जाती है।
1. ब्रह्म मुहूर्त में उठकर माता शबरी और भगवान श्रीराम का स्मरण करें।
2. इसके बाद दैनिक क्रिया से निवृत्त होकर स्नान के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें।
3. व्रत का संकल्प लें और श्रीराम के साथ शबरी की पूजा करें।
4. फल फूल दूर्वा सिंदूर, अक्षत चढ़ाएं और धूप, दीप अगरबत्ती जलाएं।
5. आरती करें और परिवार की सलामती के लिए प्रार्थना करें।
6. पूरे दिन व्रत रखकर शाम को आरती करें, इसके बाद फलाहार ग्रहण करें।
7. अगले दिन नियमित पूजा के बाद पारण करें।

Hindi News / Astrology and Spirituality / Dharma Karma / Shabari Jayanti 2023 Vrat: इस दिन भक्त और भगवान की साथ होती है पूजा, जान लें शबरी जयंती डेट

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.