महालक्ष्मी (mahalakshmi)
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार श्री महालक्ष्मी सम्पत्ति, समृद्धि और सौभाग्य की देवी हैं। वह प्रेम और सुंदरता का अवतार हैं। देवी महालक्ष्मी भगवान विष्णु की अर्धांगिनी हैं। साथ ही इनका प्राकट्य क्षीर सागर से समुद्रमंथन के समय हुआ था। देवी श्री लक्ष्मी ने स्वेच्छा से भगवान विष्णु को अपने वर के रूप में स्वीकार किया था। महालक्ष्मी को श्री के रूप में भी जाना जाता है। भगवान विष्णु के श्री राम एवं श्री कृष्ण अवतार के समय, देवी श्री लक्ष्मी ने देवी सीता एवं देवी राधा के रूप में अवतार धारण किया था।श्री लक्ष्मी स्वरूप वर्णन
श्री लक्ष्मी जी को चतुर्भुज रूप में कमल-पुष्प पर खड़ी अथवा विराजमान मुद्रा में चित्रित किया जाता है। वह ऊपरी दो हाथों में कमल पुष्प धारण करती हैं। उनका अन्य एक हाथ वरद मुद्रा में होता है, जो भक्तों को सम्पत्ति और समृद्धि प्रदान करता है। अंतिम हाथ अभय मुद्रा में होता है, जिसके द्वारा देवी मां भक्तों को शक्ति और साहस प्रदान करती हैं।देवी लक्ष्मी को लाल रंग के वस्त्र धारण किए और स्वर्णाभूषणों से अलंकृत दिखाया जाता है। देवी के मुखमण्डल पर शांति और सुख का भाव होता है। देवी को एक सुंदर उपवन या नीले सागर में विराजमान दर्शाया जाता है। साथ ही उनके पास दो या चार गजराज (हाथी) होते हैं, जो देवी का जलाभिषेक करते रहते हैं। श्वेत गज और उल्लू को देवी लक्ष्मी का वाहन माना जाता है।
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धन की देवी को कैसे करते हैं प्रसन्न
धर्म ग्रंथों में धन की देवी माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए मंत्रों का जाप करने का विधान बताया गया है। माता के अलग-अलग मंत्रों के जाप से धन वैभव की प्राप्ति होती हैं। साथ ही माता की अखंड कृपा से सभी कार्य सफलता पूर्वक सम्पन्न होते हैं। आइए जानते हैं माता लक्ष्मी के मंत्रों के बारे में- लक्ष्मी बीज मंत्र
ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥ - महालक्ष्मी मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥ - लक्ष्मी गायत्री मंत्र
ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि,
तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥
माता लक्ष्मी के अन्य मंत्र
- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:
यह वैभव लक्ष्मी मंत्र है। इस मंत्र का रोजाना एक माला यानी 108 बार जाप शुभ फल देता है। - धनाय नमो नम:
मां लक्ष्मी के इस मंत्र का रोजाना 11 बार जाप व्यक्ति की धन संबंधित परेशानियां दूर करता है। - ॐ लक्ष्मी नम:
इस मंत्र का अगर रोज जाप किया जाए तो व्यक्ति के घर में लक्ष्मी का वास होता है। साथ ही घर में कभी अन्न और धन की कमी भी नहीं होती है। इस मंत्र का जाप कुश आसन पर बैठकर ही करना चाहिए। - ॐ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नम:
इस मंत्र का जाप किसी भी शुभ कार्य करने से पहले करना चाहिए, ऐसा करने से सभी कार्य निर्विघ्न संपन्न होते हैं। - लक्ष्मी नारायण नम:
इस मंत्र का जाप करने से दाम्पत्य जीवन में सुख मिलता है। पति-पत्नी के बीच का संबंध अच्छा रहता है। - पद्मानने पद्म पद्माक्ष्मी पद्म संभवे तन्मे भजसि पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम्
मां लक्ष्मी के इस मंत्र का प्रतिदिन एक माला यानी 108 बार स्फटिक की माला से जाप करने से घर में हमेशा अन्न और धन की बरकत होती है। - ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:
इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को जीवन में सफलता प्राप्त होती है। मां लक्ष्मी की चांदी या अष्ट धातु की मूर्ति की पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
- 8 ॐ धनाय नम:
- इस मंत्र का जाप करने से धन लाभ होता है। इसका शुक्रवार के दिन कमलगट्टे की माला के साथ जाप करना चाहिए।
- ऊं ह्रीं त्रिं हुं फट
किसी भी कार्य में सफलता के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे मां की कृपा हमेशा बनी रहती है। - ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:
अगर आप कर्ज से मुक्ति पाना चाहते हैं तो इस मंत्र का जाप करें, इससे आर्थिक तंगी दूर हो जाती है।