पितृ पक्ष 2019 : पित्रों की आत्मा डराती नही, रास्ता दिखाती, मदद करती है, जानें कैसे?
पितृ पक्ष वाले शुक्रवार एवं शनिवार की सूर्यास्त के बाद किसी पीपल पेड़ के नीचे पित्रों के निमित्त सफेद कपड़े का आसन लगाकर उसपर छोटे सा कलश मिट्टी का स्थापित करें। कलश के ऊपर सात बत्ती वाला दीपक जलाकर उसका सफेद चंदन और चावल से पूजन करें। कहते हैं पीपल वृक्ष में पितृगण निवास करते हैं और खास कर पितृ पक्ष में पितृ लोक से आकर सोलह दिन तक पीपल में भी निवास करते हैं।
विधिवत पूजन करने के बाद इस मंत्र ता जप एक हजार बार करें, जब तक जप चलता रहे दीपक की सातों बत्ती जलती ही रहना चाहिए। जप पूरा होने के बात एक बार श्री पितृ चालीसा का पाठ भी करें और सात बार पीपल वृक्ष की परिक्रमा भी करें। ये उपाय केवल पित्रों के निमित्त शुक्रवार एवं शनिवार को सूर्यास्त के बाद ही करना है।
पितृ मंत्र- ।। ॐ पितृ दैवतायै नम:।।
पितृपक्ष की सबसे खास तिथि, इस दिन ये उपाय करने से होती है हर इच्छा पूरी, दौड़ी आती है माँ लक्ष्मी
उपरोक्त उपाय के अलावा अगर किसी जातक की कुंडली में चंद्र अशुभ हो या किसी दुष्ट ग्रह के प्रभाव से जीवन में बार-बार बाधाएं आ रही हो तो शुक्रवार एवं शनिवार दोनों ही दिन सूर्यास्त के बाद सात प्रकार की मीठाई 250 ग्राम बाजार से खरीद कर ले आएं एवं एक पत्तल पर अपनी माता के हाथों से रखवां कर अपने हाथ में ले एवं रात में 9 बजे के बाद किसी चौराहे पर जाकर दक्षिण दिशा में रख दें। रखते वक्त पित्रों से अपनी समस्या को दूर करने का निवेदन करें एवं बिना पीछे देखें घर वापस आ जाएं, कुछ ही दिनों सभी बाधाओं से मुक्ति मिलने लगेगी।
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