9 ग्रहों राशि चक्र के अनुसार व्यक्ति के जीवन भर अच्छा या बुरा प्रभाव निरंतर पड़ते रहता है । वहीं जन्म लग्न, दशा महादशा, अंतर्दशा तथा प्रत्यंतरों का प्रभाव अवश्य फल दिखाता है, नाम राशि के अनुसार भी गोचर के ग्रह अपना प्रभाव डालते है । लेकिन लग्न, जन्मराशि तथा नाम राशि से चौथे, आठवें, बारहवें स्थान की स्थिति का प्रभाव सभी राशि के व्यक्तियों पर सभी पर पड़ता ही है । इन उपायों को नियमित करते रहने से कभी भी किसी ग्रह की कुदृष्टि नहीं पड़ती । बल्कि ऐसे करने से वे सहायक बन जाते हैं ।
1- नौ ग्रहों के अधिपति सूर्य को प्रसन्न करने लिए आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए । रविवार के दिन उपवास करें, उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दें ।
2- चंद्रमा को प्रसन्न करने के लिए भगवान शिव के ”ऊँ नमः शिवाय” मंत्र का रोज 108 बार जप करें, सोमवार का उपवास करें ।
3- मंगल के खुश करने के लिए नियमित श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें । शनिवार या मंगलवार हनुमान जी को चमेली का तेल सिंदूर, शुद्ध घी में चोला चढ़ाएं, एवं मंगलवार का व्रत करें ।
4- बुध के लिए मां दुर्गा की पूजा करें, हरे मूंग भिगोकर पक्षियों को दाना डालें, गायों को हरा चारा खिलाएं ।
5- बृहस्पति की प्रसन्नता के चने की दाल तथा केशर का किसी मंदिर में दान करें, एवं रोज केशर का तिलक मस्तक पर जरूर लगाएं ।
6- शुक्र के लिए स्वच्छ कपड़े पहने, गौशाला में गुड़, हरा घास, चने की दाल गायों को खिलाएं, एवं कनकधारा महालक्ष्मी का दैनिक पाठ करें ।
7- शनि देव के लिए प्रति शनिवार को पीपल तथा भैरव का पूजन करें, शनिवार का व्रत करें एवं श्री हनुमान चालीसा एवं सुंदरकांड का नियमित पाठ करें ।
8- राहू के लिए घर में बना हुआ भोजन ही करें, शाकाहारी रहते हुए मां सरस्वती का पाठ-पूजन करें । बिजली का सामान कभी भी मुफ्त में न लें ।
9- केतु के लिए भगवान श्रीगणेश जी की आराधना करें, काले कुत्ते को तेल लगाकर रोटी खिलाएं, किसी मंदिर में सतरंगी झंडा चढ़ाएं ।