मान्यता है कि महाभारत के युद्ध (war of mahabharata) के समय जब भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था उस दिन मार्गशीर्ष मास (margashirsha month) के शुक्ल पक्ष की एकादशी थी इसी कारण इस दिन गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी संयुक्त होने से इस व्रत का महत्व (Importance) अधिक बढ़ जाता है। इस साल मोक्षदा एकादशी का व्रत बहुत शुभ योग में रखा जाएगा। एकादशी (Ekadashi) पर किया दान हजारों पुण्य के समान फल प्राप्त करने वाला माना जाता है। आइए चलिए जानते हैं मोक्षदा एकादशी के शुभ योग और दान का महत्व…
मोक्षदा एकादशी पर क्या करें दान?
गर्म कपड़े : मोक्षदा एकादशी के समय ठंडी चरम पर होती हैं। इसके चलते इस एकादशी पर जरूरमंदों को गर्म कपड़े या कंबल का दान करना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से जीवन में सौभाग्य आता है और व्यक्ति दिन दूगनी रात चौगुनी तरक्की करता है।
अनाज : मोक्षदा एकादशी पर गरीबों को अनाज का दान करना चाहिए, माना जाता है कि ऐसा करने से समृद्धि में वृद्धि होती है। कहा जाता है कि इस दिन गेंहू, गुड़, दाल, चावल, तिल, शक्कर का दान करने से अन्न की कमी नहीं होती। वहीं मोक्षदा एकादशी इस बार शनिवार को होने के चलते इस बार सरसों के तेल का दान भी किया जा सकता है। माना जाता है कि ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते है। सरसों का तेल दान करने के तहत पहले एक लोहे के बरतन में सरसों का तेल और 1 रुपए का सिक्का डालें, फिर तेल में अपना चेहरा देखकर किसी गरीब को दान कर दें या पीपल के पेड़ के नीचे रख दें। मान्यता है कि ऐसा करने से जातक के रुके हुए कार्य पूरे हो जाते हैं।
विद्या दान : विद्या के दान को शास्त्रों में श्रेष्ठ माना गया है, इसका कारण ये है कि यह एक ऐसा दान है जो बांटने से और अधिक बढ़ता ही है। ऐसे में एकादशी के दिन किसी जरुरतमंद बच्चों को शिक्षा से संबंधित वस्तुएं दान करनी चाहिए, साथ ही संभव हो तो इस दिन किसी गरीब बच्चे की पढ़ाई का जिम्मा उठाने का संकल्प लेना चाहिए, माना जाता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी और देवी सरस्वती का आशीर्वाद मिलता है।
धातु, दवा : मोक्षदा एकादशी शनिवार को होने पर धातु का दान जैसे लोहे का दान करना अति शुभ फलदायी माना जाता है, मान्यता है कि ऐसा करने से आने वाले विपत्ति टल जाती है। वहीं एकादशी पर किसी बीमार असहाय व्यक्ति की स्वास्थ संबंधी मदद करने से कभी न खत्म होने वाला पुण्य की भी प्राप्ति होती है।
मोक्षदा एकादशी के दिन के संबंध में मान्यता है कि इस दिन व्रत (Mokshada Ekadashi Vrat 2022) के समय व्रत की कथा का पाठ जरूर किया जाना चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है। ज्ञात हो कि कि इस साल यानि 2022 में मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती 03 दिसंबर (Gita Jayanti 2022) को मनाई जाएगी।