कार्तिक मास में खान-पान और जीवनचर्या को संयमित रखने सलाह दी जाती है । इस महीने से स्निग्ध चीजें, और मेवे आदि खाने में भरपूर उपयोग करना चाहिए । ऐसी चीज़े जिनका स्वभाव गर्म हो और लम्बे समय तक उर्जा बनाये रक्खें, ऐसी चीज़ों को भी खुब खाना चाहिए । दलहन खाने से बचना चाहिए । इस महीने सूर्य की किरणों का स्नान करना शरीर के लिए अति उत्तम माना जाता है । साथ ही इस महीने में प्रयास करें की दोपहर में नींद लेने से बचना चाहिए ।
शास्त्रों के अनुसार कार्तिक मास भगवान श्री हरि का अत्यंत प्रिय माह है, इसलिए ये माह माता लक्ष्मी को भी अत्यंत प्रिय लगता हैं । इसी माह भगवान् विष्णु योग निद्रा से जागकर सृष्टि में आनंद भरी कृपा की वर्षा करते हैं । पहले श्री नारायण एवं बाद में माँ लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करके अपने भक्तों को अपार धन देती हैं । श्री लक्ष्मी माता की कृपा पाने के लिए इस माह धन त्रयोदशी, अमावस्या पर दीपावली और गोपाष्टमी जैसे पर्व मनाये जाते है । इस माह रोज रात्रिकाल में श्री विष्णु जी और श्री लक्ष्मी माता की एक साथ पूजा करने से सभी अभाव दुर हो जाते हैं । पूजा के समय साधक गुलाबी या चमकदार कपड़े पहनकर पूजा करें । कमलगट्टे की माला से इस मंत्र – ।। ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मी वासुदेवाय नमः ।। का रोज 108 बार जप करना चाहिए ।
रविवार के दिन इस को न करे….
कार्तिक मास में पड़ने वाले रविवार के दिन ऐसा माना जाता की इस दिन सांयकाल के समय घी का या तिल के तेल का दीपक भूलकर भी नहीं जलाना चाहिए । इस दिन केवल गुगल की धुप जला सकते हैं । ऐसा कहा जाता हैं कि रविवार के दिन शाम के समय दीपक जलाने से और झाडू लगाने से महालक्ष्मी नाराज हो जाती हैं ।