धर्म-कर्म

देश के इस जगह पर होगा कल्कि अवतार, धर्म ग्रंथों से जानिए कैसे होंगे कल्कि भगवान, किससे होगा विवाह

Kalki avatar: सतयुग हो या त्रेता या द्वापर हर युग में भगवान विष्णु ने धरती पर अवतार लिया है और धर्म की अधर्म से रक्षा की है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कलियुग में जब पाप बढ़ जाएगा और धार्मिक लोग अत्यधिक पीड़ा में आ जाएंगे तब सृष्टि के संचालक विष्णु जी कल्कि रूप में अवतार लेंगे और दुष्टों का नाश कर नए युग का आरंभ करेंगे। आइये जानते हैं देश के किस हिस्से में होगा कल्कि अवतार और कैसा होगा भगवान का स्वरूप …

जयपुरSep 12, 2024 / 06:14 pm

Pravin Pandey

कल्कि अवतार कब होगा

भगवान विष्णु के दशावतार

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान विष्णु दश अवतार लेते हैं। गरुड़ पुराण में इनका वर्णन मत्स्य, कूर्म, वराह, नरसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध और कल्कि के रूप में किया गया है। इनमें से दसवें और आखिरी अवतार कल्कि का प्राकट्य कलियुग के अंत में होगा। मान्यता है कि यह भगवान विष्णु का उग्र अवतार है और सफेद घोड़े पर हाथ में तलवार लिए हुए दुष्टों का अंत करेंगे। इसके बाद फिर से सतयुग की शुरुआत होगी।

कहां होगा भगवान का जन्म

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कलियुग 432000 वर्ष का है, जिसका अभी प्रथम चरण चल रहा है। जब कलयुग का अंतिम चरण शुरू होगा, तब कल्कि अवतार लेंगे। यह अवतार उत्तर प्रदेश के संभल (शम्भाला) जिले में होगा। इनके पिता प्रतिष्ठित ब्राह्मण और महान आत्मा विष्णु यश होंगे। इनके धर्म गुरु याग्वल्क्य होंगे, जबकि कलियुग में दसवें अवतार की प्रतीक्षा कर रहे भगवान विष्णु के छठें अवतार अजर अमर परशुराम भगवान कल्कि को युद्ध की तकनीक सिखाएंगे। साथ ही गुरु परशुराम कल्कि को घोर तपस्या का मार्ग दिखाएंगे, ताकि वो अपने अस्त्र शस्त्र पा सकें। 
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कैसा होगा भगवान का स्वरूप

मान्यता के अनुसार कल्कि अवतार 64 कलाओं से युक्त होगा, इस समय गुरु और शनि उच्च राशि में एक साथ होंगे।  भगवान को ग्रंथों में सफेद घोड़े पर सवार और हाथ में तलवार लिए दर्शाया गया है। इसके अनुसार भगवान कल्कि अपने तेज घोड़े देवदत्त पर सवार होंगे और हाथ में तलवार लेकर अपने आठ रहस्यमय ऐश्वर्य और भगवान के आठ विशेष गुणों का प्रदर्शन करते हुए पृथ्वी पर यात्रा करेंगे। वह अपनी अप्रतिम चमक प्रदर्शित करते हुए और तीव्र गति से सवारी करते हुए उन लाखों चोरों को मार डालेंगे जिन्होंने राजाओं की पोशाक पहनने का साहस किया है।

कल्कि का विवाह

कल्कि पुराण के अनुसार भगवान कल्कि का विवाह सिंहल द्वीप (श्रीलंका) की एक राजकुमारी पद्मिनी से होगा, जो स्वयं माता लक्ष्मी का अवतार हैं। इसके अलावा इस पुराण में भगवान के एक और विवाह का उल्लेख है, जिसमें कहा गया है कि शशिध्वज नाम के व्यक्ति से भी भगवान का युद्ध होगा। हालांकि बाद में वह अपनी पुत्री रमा का विवाह भगवान से करेगा। 
(नोट-इस आलेख में दी गई जानकारियों पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं, www.patrika.com इसका दावा नहीं करता। इसको अपनाने से पहले और विस्तृत जानकारी के लिए किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।)

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