1- रुचक योग- अगर किसी की कुंडली में मंगल उच्च स्थान में, स्वग्रही, मूल त्रिकोण में बैठकर केंद्र स्थान में हो तो मंगल ग्रह की यह स्थिति रुचक योग कहलाती हैं । इस योग वाले जातक पुलिस, राजनीति, सेना, शारिरिक शक्ति युक्त कार्य में अग्रणी, मशीन विभाग तथा उर्जा से जुड़े क्षेत्र में काम करते हैं । इस योग में जन्में व्यक्ति धनी, शस्त्र व शास्त्र के ज्ञानी होते हैं । मंत्र और अभिचार क्रिया में भी ये कुशल होते हैं ।
2- भद्र योग- जब बुध गृह केंद्र में स्वराशि मिथुन या कन्या राशि में हो तब भद्र योग बनता हैं । इस योग व्यक्तियों के हाथ अधिक लम्बे होते हैं, ये विद्वान् होने के साथ-साथ बातों की कला में निपुण भी होते हैं । चेहरे पर शेर जैसा तेज और गति हाथी की तरह होती है । ऐसे जातक आंकडो से सम्बधित कार्य, बैंक, चार्टेड अकाउंट, क्लर्क, अध्ययन कार्यों से सम्बंधित तथा विदेश सम्बंधी कार्य करते हैं । भद्र योग वाले जातक श्रेष्ठ प्रसाशक, निपुण, विपुल सम्पदा, प्रज्ञावान, धनी, सम्माननीय और दयावान होते हैं ।
3- हंस योग- जब गुरु ग्रह धनु, मीन और कर्क राशि में से किसी एक राशि में होकर केंद्र में बैठा हो तब हंस योग बनता हैं । हंस योग वाले जातक सुन्दर, सुमधुर वाणी वाले, नदी या समुद्र के आसपास रहने वाले एवं राजा के समान जीवन जीने वाले होते हैं । ये लोग सुंदर, सुखी, धर्म शास्त्रों के ज्ञाता, निपुण, गुणी, सदाचारी एवं धार्मिक प्रवृति के होते हैं ।
4- मालव्य योग- जब शुक्र ग्रह वृषभ, तुला या मीन राशि का होकर केंद्र में स्थित हो तब मालव्य योग बनता हैं, मालव्य योग वाले व्यक्तियों के चेहरे पर चन्द्रमा के समान कांति होती है । ये लोग युद्ध और राजनीति में निपुण, स्त्री, पुत्र, वाहन, भवन और अतुल संपदा के स्वामी भी होते है । फैशन, कलाकार, सौंदर्य प्रसाधन, कवि, नाटक कार, गुरु या सामाजिक कार्यो से संबंधित क्षेत्र में इस योग वाले अधिक नाम एवं धन कमाते हैं । इनका स्वभाव तेजस्वी, विद्वान, उत्साही, त्यागी, चतुर होता है ।
5- शश योग- जब शनि के मकर, कुम्भ या तुला राशि का होकर केंद्र में उपस्थित होने पर शश योग बनता हैं, और जातक का जीवन किसी राजा से कम नहीं होता । शश योग वाले सेनापति, धातु कर्मी, विनोदी, क्रूर बुद्धि, जंगल–पर्वत में घूमने वाले, आंखों में क्रोध की ज्वाला चमकती है । ये व्यक्ति वैज्ञानिक, निर्माणकर्ता, भूमि सम्बंधित कार्यो में संलग्न, जासूस, वकील तथा विशाल भूमि खंड के स्वामी होते हैं ।
पंच महायोग बनने के उपाय
अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन सभी प्रकार के सुख सुविधाओं की कामना रखते है और चाहते हैं कि उनका भी भाग्य चमके तो इस छोटे से उपाय को जरूर करें, शायद आपकी भी किस्मत चमक जायें । ज्योतिष के अनुसार केवल तीन कामों को नियमत रूप से करने पर पंच महायोग जैसी स्थिति व्यक्ति के जीवन में बनने लगती हैं- 1- हर रोज सुबह उगते हुए सूर्य को जल अर्पित करें । 2- हर माह के शुक्लपक्ष के सोमवार एवं पूर्णिमा तिथि को शिवजी का गंगाजल मिले जल से अभिषेक करें एवं सूर्यास्त के समय पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलायें । 3- हर शुक्रवार के दिन लाल या काली गाय को हरा चारा या फिर गु़ड़ खिलायें । इन उपायों को करने के बाद कोई भी व्यक्ति धनवान बनने के साथ सभी सुख सुविधाओं का अधिकारी बन सकता हैं ।
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