गायत्री मंत्र से प्राप्त होता है सुख समृद्धि, आयु और कीर्ति
महाभारत के रचयिता वेद व्यास जी ने भी गायत्री मंत्र की महिमा का बखान किया है। यदि किसी प्रकार गायत्री मंत्र को सिद्ध कर लिया जाए तो यह सभी प्रकार की इच्छाओं को पूरा करने वाली कामधेनु गाय के समान है। गायत्री मंत्र जपने से मनुष्य की आध्यत्मिक चेतना का पूर्ण विकास होता हैं और सभी प्रकार के कष्टों का निवारण होता है। क्योंकि देवी मां भक्त के चारों ओर रक्षा-कवच का निर्माण करती हैं। योगपद्धति में भी इस मंत्र का असर बेहद प्रभावी होता है।भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है कि मनुष्य को अपने कल्याण के लिए गायत्री और ॐ ध्वनि का उच्चारण सदैव करना चाहिए, क्योंकि यह बहुत ही बलशाली है और यह नकारात्मकता को दूर भगाता है। मां गायत्री मनुष्य को आयु, प्राण, शक्ति, कीर्ति, धन, सुख समृद्धि, खुशहाली, सिद्धि और ब्रह्म तेज प्रदान कराती हैं। इनकी उपासना से मनुष्य को सभी कुछ सरलता से प्राप्त हो जाता है। सभी बिगड़े काम बन जाते हैं।
ये भी पढ़ेंः Gayatri Jayanti: गायत्री पूजा से पूरी होती है सभी मनोकामना, जयंती पर जानें माता का स्वरूप, पूजा विधि और मंत्र
भर्गो देवस्यः धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्॥
ये है मां गायत्री का मंत्र (Gayatri Mantra)
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यंभर्गो देवस्यः धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्॥
गायत्री मंत्र का अर्थ: : हम ईश्वर की महिमा का ध्यान करते हैं, जिसने इस संसार को उत्पन्न किया है, जो पूजनीय है, जो ज्ञान का भंडार है, जो पापों और अज्ञान की दूर करने वाला है, वह हमें प्रकाश दिखाए और हमें सत्य पथ पर ले जाएं।