जिस प्रकार प्रत्येक विशाल पेड़ एक छोटे से अंकुर में छुपा होता है ठीक उसी प्रकार एक छोटे से बच्चें में परिवार, समाज और देश का भविष्य भी छुपा होता है। अगर आप अपने बच्चों को अति बुद्धिवान बनाना चाहते हैं तो ज्ञान, बुद्धि के देवता श्री गणेश जी के इस छोटे से मंत्र का प्रतिदिन इतनी बार उच्चारण करने की आदत डाल दें।
खासकर बच्चों को जीवन में आगे बढऩे के लिए तेज दिमाग का होना बहुत जरुरी है। यदि बच्चों की बुद्धि प्रखर है तो कोई भी काम बड़ी ही सहजता से वे कर सकते हैं और बड़े से बड़े संकटों का सामना भी आसानी से कर लेंगे। यदि आप चाहते हैं कि आपके परिवार के छोटे बच्चों का दिमाग भी कम्प्यूटर से तेज चले और चाणक्य के समान बच्चा अति बुद्धिमान बने तो अपने छोटे बच्चों नियमित कम से कम 11 बार इस गणेश मंत्र का उच्चारण करवाते रहें। आप देखेंगे कुछ ही दिनों में आपके बच्चे के जीवन और उसकी दिनचर्या में बदलाव आने लगेगा।
ये गणेश जी लड्डू, दुर्वा, फल, फूल या पूजा पाठ से नहीं चिट्ठी लिखकर चढ़ाने से करते हैं मनोकामना पूरी
भगवान ने हर मनुष्य को एक विशेष क्षमता युक्त करके ही धरती पर भेजा है। कोई दिमाग से तेज है तो कोई अन्य कार्यों में फुर्तीला है। लेकिन फिर आपको लगता है कुछ कमी है तो बच्चों की दिमागी क्षमता को बढ़ाने के लिए इस गणेश मंत्र का जप जरूर करें।
बहुत से बच्चे मन लगाकर पढ़ते हैं मगर उन्हें याद नहीं रहता है या वो थोड़े समय में वापस भूल जाते हैं। परीक्षा में अच्छे नम्बर प्राप्त नहीं कर पाते हैं। पढाई से सम्बंधित जिन्हें समस्या आती है। बुद्धि को कुशाग्र और दिमाग में पैनापन लाने के लिए इस मंत्र को प्रत्येक दिन नहा-धोकर पवित्र आसन पर बैठकर 11 या 21 बार उच्चारण करें।
बुधवार को इनमें से जप लें कोई भी एक गणेश मंत्र, जो मांगेंगे मिलेगा
इस गणेश मंत्र का उच्चारण बच्चे रोज करें-
।। ॐ गं गणपतये नमः’ मंत्र का उच्चारण करने से कुशाग्र बुद्धि के साथ सभी कामनाओं की पूर्ति भी होने लगती है।
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