ऐसी मान्यता है की मां लक्ष्मी ने गौरीपुत्र गणेश को प्रथम पूज्य होने का वर देते हुए यह आशीर्वाद दिया था कि उनकी उपासना से मनुष्य पर लक्ष्मी कृपा भी बनी रहेगी । तभी से दीपावली के दिन मां लक्ष्मी एवं श्री गणेश की पूजा पूरे विधि-विधान से की जाती है । इस दीपावली अगर सूर्यास्त के बाद से लेकर रात्रि 1 बजे तक विघ्नहर्ता श्री गणेश जी के प्रिय इन मंत्रों का जप करने से जीवन में धन वैभव का कभी अभाव नही रहता हैं ।
1- इस मंत्र का उच्चारण करते हुए श्री गणेश जी का आवाहन करें ।
वन्दहुं विनायक, विधि-विधायक, ऋद्धि-सिद्धि प्रदायकम् ।
गजकर्ण, लम्बोदर, गजानन, वक्रतुण्ड, सुनायकम् ॥
श्री एकदन्त, विकट, उमासुत, भालचन्द्र भजामिहम ।
विघ्नेश, सुख-लाभेश, गणपति, श्री गणेश नमामिहम ॥
2- इस मंत्र का उच्चारण करते हुए भगवान गणेश जी को सिंदूर अर्पित कर पूजा करें ।
सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम् ।
शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम् ॥
3- इस मंत्र का उच्चारण करते हुए गौरीपुत्र गणेश को सफेद चावल अर्पित करें ।
अक्षताश्च सुरश्रेष्ठं कुम्कुमाक्तः सुशोभितः ।
माया निवेदिता भक्त्या गृहाण परमेश्वरः ॥
4- इस मंत्र का उच्चारण करते हुए श्री गणेश को दूर्वा अर्पित करे ।
त्वं दूर्वेSमृतजन्मानि वन्दितासि सुरैरपि ।
सौभाग्यं संततिं देहि सर्वकार्यकरो भव ॥
4- इस मंत्र का उच्चारण करते हुए गणेशजी को पीला यज्ञोपवीत पहनायें ।
नवभिस्तन्तुभिर्युक्तं त्रिगुणं देवतामयम् ।
उपवीतं मया दत्तं गृहाण परमेश्वर ॥
6- इस मंत्र का उच्चारण करते हुए पुष्प समर्पित करें ।
पुष्पैर्नांनाविधेर्दिव्यै: कुमुदैरथ चम्पकै: ।
पूजार्थ नीयते तुभ्यं पुष्पाणि प्रतिगृह्यतां ॥
7- इस मंत्र का उच्चारण करते हुए गणेश जी को मोदक का भोग लगाये ।
शर्कराघृत संयुक्तं मधुरं स्वादुचोत्तमम ।
उपहार समायुक्तं नैवेद्यं प्रतिगृह्यतां ॥
8- पूजा के बाद इस मंत्र का उच्चारण करते हुए गणेश को दंडवत प्रणाम करें ।
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय ।
लंबोदराय सकलाय जगध्दिताय ।।
नागाननाय श्रुतियग्यविभुसिताय ।
गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते ॥
9- प्रणाम करने के बाद इस मंत्र का कम से कम 1100 बार मोती या तुलसी की माला से अपनी मनोकामना पूर्ति का भाव रखते हुए प्रसन्न चित भाव से जप करें । ऐसा करने से मां लक्ष्मी हर इच्छा पूरी कर देते हैं ।