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हिंदू पंचांग के चैत्र महीने (मार्च-अप्रैल) में नीम की पत्तियां खाने से इतनी बीमारियों से होती है रक्षा–
1- चैत्र मास में नीम की पत्तियों को खाने से त्वाचा के कई सुक्ष्म रोग स्वतः ही नष्ट हो जाते हैं।
2- चैत्र मास में हर रोज सुबह-सुबह नीम की 7, 11 या इससे अधिक पत्ती चबाकर खाने से इम्यून सिस्टम मजबूत बनता है।
3- चैत्र मास में सुबह उठकर नीम की 108 पत्तियों को अच्छी तरह चबाकर खाने से कैंसर और हॉर्ट अटैक जैसी प्राण घातक बीमारियों का खतरा नहीं रहता।
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4- चैत्र मास में नीम की पत्तियां खाने से साल भर पाचन क्रिया मजबूत रहती है।
5- चैत्र मास में नीम के डंठल से दातुन करने से दातों में मौजूद कीटाणु खत्म हो जाते हैं।
6- चैत्र मास में नीम की पत्तियों को उबालकर और पूरी तरह से ठंडा करके दिन में तीन बार आंखें धोने से आंखों की रोशनी अच्छी होने लगती है।
7- चैत्र मास में बदलते मौसम के कारण होने वाले रोगों से मुक्ति के लिए नीम की पत्तियों का सेवन करना चाहिए।
8- चैत्र मास में अगर डायबिटीज के मरीज नीम की 27 पत्तियों का सेवन रोज करते हैं तो लाभ होने लगता है।
9- बवासीर जैसे कष्टकारी रोग से मुक्ति पाने के लिए चैत्र मास में नीम एवं कनेर के 11 – 11 पत्तों का लेप लगाने से शीघ्र लाभ मिलता है। इसके अलावा नीम के पत्ते एवं मूंग दाल को हल्के से तेल के साथ तलकर बवासीर के रोगी को खिलाने से तुरंत फायदा होता है।
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10- नीम के तने की छाल को कूटकर कांसे के बर्तन में पानी के साथ उबालनकर ठंडा होने पर इस पानी को दिन में तीन बार मलेरियाग्रस्त रोगी पिलाने से तीन-चार दिन में ही मलेरिया की बीमारी ठीक हो जाती है।
11- चैत्र मास में नीम के पत्ते और मकोय के फलों का रस समान मात्रा में लेकर पलकों पर लगाने से आंखों का लालपन दूर हो जाता है।
12- चैत्र मास में नीम की 108 पत्तियों को डालकर स्नान करने से घमौरी ठीक हो जाती है।
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