धर्म-कर्म

इसलिए बिना शुभ मुहूर्त देखे भी किये जाते हैं अक्षय तृतीया पर शुभ कार्य, पढ़ें पूरी खबर

इसलिए बिना शुभ मुहूर्त देखे भी किये जाते है अक्षय तृतीया पर शुभ कार्य, पढ़े पूरी खबर
 

Apr 25, 2019 / 10:50 am

Shyam

इसलिए बिना शुभ मुहूर्त देखे किये जाते हैं अक्षय तृतीया पर शुभ कार्य, पढ़े पूरी खबर

शास्त्रों में अक्षय तृतीया तिथि को स्वयं ही एक सबसे बड़ा शुभ मुहूर्त बताया गया है । अक्षय तृतीया या आखा तीज पर्व वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन जो भी शुभ कार्य किये जाते हैं, उनका अक्षय फल मिलता है। इस दिन किये गये सभी कार्यों का शुभफल मिलता है, इसी कारण इसे अक्षय तृतीया कहा जाता है। ज्योतिषाचार्य पं. विष्णु राजोरिया ने पत्रिका डॉट कॉम को बताया कि वैसे तो साल के सभी बारह महीनों के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि शुभ होती है, किंतु वैशाख माह की तृतीया तिथि स्वयंसिद्ध मुहूर्तो में मानी गई है, इसलिए इस दिन शुभ कार्यों को करने के लिए कोई शुभ मुहूर्त या पंचाग इत्यादि नहीं देखा जाता ।


बिना कोई पंचांग देखे कोई भी शुभ व मांगलिक कार्य कर सकते है-

पं. विष्णु राजोरिया के अनुसार, अक्षय तृतीया का सर्वसिद्ध मुहूर्त के रूप में भी विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन बिना कोई पंचांग देखे कोई भी शुभ व मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह-प्रवेश, वस्त्र-आभूषणों की खरीददारी या घर, भूखंड, वाहन आदि की खरीददारी से संबंधित कार्य किए जा सकते हैं। नवीन वस्त्र, आभूषण आदि धारण करने और नई संस्था, समाज आदि की स्थापना या उदघाटन का कार्य श्रेष्ठ माना जाता है।

 

इस दिन पितरों को तर्पण करना चाहिए-

पुराणों में लिखा है कि इस दिन पितरों को किया गया तर्पण तथा पिन्डदान अथवा किसी और प्रकार का दान, अक्षय फल प्रदान करता है। इस दिन गंगा स्नान करने से तथा भगवत पूजन से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। यहाँ तक कि इस दिन किया गया जप, तप, हवन, स्वाध्याय और दान भी अक्षय हो जाता है। यह तिथि यदि रोहिणी नक्षत्र के दिन आए तो इस दिन किए गए दान, जप-तप का फल बहुत अधिक बढ़ जाता है।

जाने-अनजाने अपराधों के लिए इस दिन ईश्वर से क्षमा मांगना चाहिए-

इसके अतिरिक्त यदि यह तृतीया मध्याह्न से पहले शुरू होकर प्रदोष काल तक रहे तो बहुत ही श्रेष्ठ मानी जाती है। यह भी माना जाता है कि इस दिन मनुष्य अपने या स्वजनों द्वारा किए गए जाने-अनजाने अपराधों की सच्चे मन से ईश्वर से क्षमा प्रार्थना करे तो भगवान उसके अपराधों को क्षमा कर देते हैं और उसे सदगुण प्रदान करते हैं, अतः आज के दिन अपने दुर्गुणों को भगवान के चरणों में सदा के लिए अर्पित कर उनसे सदगुणों का वरदान माँगने की परंपरा भी है।

Hindi News / Astrology and Spirituality / Dharma Karma / इसलिए बिना शुभ मुहूर्त देखे भी किये जाते हैं अक्षय तृतीया पर शुभ कार्य, पढ़ें पूरी खबर

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.