-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी धारवाड़-कर्नाटक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस हुब्बल्ली
-कर्नाटक यूनिवर्सिटी धारवाड़-कर्नाटक लॉ यूनिवर्सिटी
-एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी धारवाड़-हुब्बल्ली-धारवाड़ के बीच बस रेपिड ट्रांजिट सिस्टम-हुब्बल्ली में दक्षिण पश्चिम रेलवे का जोनल हैडक्वार्टर-हुब्बल्ली हवाई अड्डा
श्रद्धा::: ऑटो-टैक्सी में नि:शुल्क यात्रा
-महाशिवरात्रि मेले में सिद्धारूढ मठ जाने वालों के लिए ऑटो-टैक्सी चालक स्वप्रेरणा से रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, बस अड्डे से नि:शुल्क सेवाएं देते हैं।
-कर्नाटक के अलावा महाराष्ट्र, गोवा, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु सहित उत्तर और पूर्वोत्तर राज्यों से भी आते श्रद्धालु।
-केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी, अभिनेत्री काजोल, कन्नड़ अभिनेता राजकुमार का परिवार यहां नियमित तौर पर श्रद्धानवत होते हैं।
-आम और खास लोग रोजाना मठ परिसर की सफाई करते हैं।
-वर्ष के सभी दिन चौबीस घंटे अनवरत ऊं नम: शिवाय का जाप। मंत्र जाप का क्रम खंडित नहीं हो इसके लिए बारी-बारी से एक व्यक्ति वीणानुमा वाद्ययंत्र लिए जाप करता है। यह वीणा कभी जमीन पर नहीं रखी और न ही इसे लेना वाला कभी थमा है।
-प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के प्रशासकत्व में मठ ट्रस्ट कार्यकारिणी में सवर्ण, पिछड़ा, अति पिछड़ा, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक को प्रतिनिधित्व।
-सिद्धारूढ़ स्वामी ने मनुष्य को जाति, वर्ग, धर्म से परे बताया था, इसी सिद्धांत पर मठ में सभी को समान दृष्टि से ज्ञान, अन्न, भक्ति का दान मिलता है।-स्वामी के भक्तों में हिंदू, मुस्लिम, जैन, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध सभी पंथों के लोग शामिल हैं।
-एक मुस्लिम अनुयायी जिसे स्वामी ने कबीरदास नाम दिया था, उनकी समाधि भी मठ परिसर में है।
सिद्धारूढ़ स्वामी मठ श्रध्दा, भक्ति और आस्था का केंद्र है। मुझे बचपन से ही सिध्दारूढ़ स्वामी मठ से बड़ा लगाव रहा है। बचपन से ही यहां मत्था टेकने जाता रहा हूं। जो भी शुभ कार्य करना हो तो पहले मैं सिद्धारूढ़ स्वामी और गुरुनाथरूढ़ स्वामी की समाधि के दर्शन कर आशीर्वाद लेता हूं। मेरे जीवन में सिद्धारूढ़ स्वामी के प्रति अपार निष्ठा है।-प्रल्हाद जोशी, केंद्रीय मंत्री
सिद्धारूढ़ स्वामी की कृपा और उनके भक्तों की लगन से हुब्बल्ली-धारवाड़ का विकास हुआ और होता जा रहा है। स्वामी के नाम पर स्टेशन का नाम होना और डाक टिकट जारी होना गर्व का विषय है। लोगों की स्वामीजी पर अपार श्रद्धा है और हर जाति, धर्म, वर्ग के लोग उनके अनुयायी हैं।
महेंद्र एच. सिंघी, पूर्व चेेयरमैन, सिद्धारूढ़ मठ ट्रस्ट कमेटी
सिद्धारूढ़ स्वामी के दर पर आकर लोगों की सभी मनोकामना पूर्ण होती है। देश के सभी राज्यों से श्रद्धालु यहां आते हैं। बड़े-बड़े अधिकारी, उद्योगपति, चर्चित व्यक्ति यहां श्रद्धा-भक्ति के साथ सेवा करते हैं।
बालू मगजिकोंडी, पूर्व चेयरमैन, ट्रस्टी, सिद्धारूढ़ मठ ट्रस्ट कमेटी