सीएमएचओ ने सभी बीएमओ व डॉक्टरों को अपने क्षेत्र मेंं संचालित निजी सोनोग्राफी सेंटरों की जांच के निर्देश दिए। इनमें सेंटर का पंजीयन, नवीनीकरण व अन्य बातों की जांच करें। शासन की गाइडलाइन का पालन हो रहा है या नहीं, यह देंखे। सात साल के सार्थक परिणामों का नतीजा स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिशु-मृत्यु दर व ङ्क्षलगनुपात को काम करने के लिए संस्थागत प्रसव पर जोर दिया जा रहा है। साल २०१५-१६ के सर्वे में ङ्क्षलगनुपात का अंतर १००० पुरुषों की तुलना में ९९२ महिला का था। इसमें सुधार के बाद १००० लड़कों के मुकाबले १०५६ बेटियोंं की किलकारी गूंज रही है।
गौरव का क्षण
नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे की जाता रिपोर्ट में हमारे जिले में लिंगानुपात की स्थिति में सुधरी है। एक हजार लड़कों के मुकाबले १०५६ बेटियोंं का जन्म हो रहा है। यह हमारे लिए गौरव का क्षण है।
नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे की जाता रिपोर्ट में हमारे जिले में लिंगानुपात की स्थिति में सुधरी है। एक हजार लड़कों के मुकाबले १०५६ बेटियोंं का जन्म हो रहा है। यह हमारे लिए गौरव का क्षण है।
डॉ. एनएस गेहलोत, सीएमएचओ धार