बता दें कि, भोजशाला में मंगलवार को सुबह 8:55 पर हिंदू समाज ने पूजा-पाठ शुरु किया। भोजशाला के अंदर स्थित गर्भग्रह में मां वाग्देवी के तेल चित्र पर सरस्वती वंदना की गई। इसी दौरान भारी संख्या में हिंदू समाज के लोग शामिल हुए। मां वाग्देवी के पूजन के बाद हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। पूजा के दौरान सर्वे का काम बंद रहा।
भोजशाला में 18 फीट की गहराई तक मिट्टी हटाई गई
भोजशाला में एएसआई की 10 सदस्यीय टीम ने 30 श्रमिकों के साथ नार्थ-ईस्ट पर मिट्टी हटाने का काम जारी रखना। इन दिनों जहां पर सर्वे चल रहा है। वहां पर 18 फीट की गहराई तक मिट्टी हटाई गई है। खुदाई के दौरान बड़ी संख्या में मूर्तियां और अवशेष मिले हैं। मंगलवार को भी खुदाई के दौरान तीन अवशेष मिले हैं। यहां नक्काशीदार पत्थर और स्तंभ के बेस का हिस्सा शामिल हैं। इधर हिंदू पक्ष की ओर से बताया गया कि मिट्टी हटाने के दौरान स्तंभ का बेस वाला पत्थर मिला है। इसमें नक्काशी बनी हुई है। जांच के बाद टीम ने इसे सर्वे में शामिल किया गया है। अब तक मिले हुए अवशेषों की फोटो और वीडियोग्राफी करवाई जा रही है।