बता दें कि, हाईकोर्ट द्वारा दिए समय के अनुसार, भोजशाला में गुरुवार को सर्वे कार्य का आखिरी दिन था। 98 दिन के सर्वे कार्य में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम अपना काम पूरा कर चुकी है। आज परिसर में गई टीम किसी तरह का नई खुदाई नहीं करेगी। बल्कि बीते दिनों में किए गए एक्सकेवेशन के दौरान उत्तरी पूर्वी कोनों में बनी ट्रेंच को भरने का काम टीम द्वारा किया जा रहा है। इसके साथ ही, डॉक्यूमेंटेशन, लिस्टिंग और अन्य दस्तावेजीकरण का कार्य भी टीम यहां करेगी।
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2 जुलाई को ASI की टीम को उच्च न्यायालय में दस्तावेज प्रस्तुत करना है। इसके बाद 4 जुलाई को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में मामले की सुनवाई होगी। ऐसे में अब जल्दी ही एएसआई सर्वे के दौरान मिले साक्ष्यों के आधार पर भोजशाला परिसर पर पड़े पर्दे से राज उठ जाएगा। फिलहाल, आगामी आदेश तक भोजशाला परिसर में पर्यटकों के लिए प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
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एक दिन पहले गुरुवार को मुस्लिम पक्षकार अब्दुल समद ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताया था कि उत्तरी पूर्वी हिस्से में उत्खनन के दौरान 7 अवशेष मिले हैं। उन्हें एएसआई की टीम ने प्रोटेक्ट कर जांच के लिए रख लिया है। उसमें कुछ आकृतियां मोल्डिंग के निशान थे। लेबलिंग, ड्रेसिंग का काम किया गया है। आगामी रिपोर्ट पेश होने तक उनकी डॉक्यूमेंट्री का भी काम चलेगा। सर्वे पूरा हो चुका है। आगामी चार-पांच दिनों में रिपोर्ट तैयार कर कोर्ट में सबमिट की जाएगी। जबकि कंजर्वेशन का काम जारी रहेगा।
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हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस के याचिकाकर्ता आशीष गोयल ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताया कि अभी डॉक्यूमेंटेशन का काम बाकी है। एएसआई की टीम ने स्पष्ट बताया कि आज सिर्फ भौतिक उत्खनन का काम खत्म हुआ है। शुक्रवार सुबह 6 बजे टीम आएगी, नियमित जो कार्य है वो सब करेगी। टीम अभी कुछ दिन और यहीं रहेगी।