इधर स्वाइन फ्लू को लेकर एडवायजरी जारी होने के बाद जिला अस्पताल में प्रबंधन द्वारा आइसोलेशन वार्ड बनाकर 2 बेड आरक्षित किया है। इस वार्ड में आपातकालीन स्थिति से निबटने के लिए वेंटीलेटर, ऑक्सीजन मशीन समेत अन्य सुविधाओं को भी अपडेट कर दिया गया है। मरीज आने पर विशेषज्ञ डाक्टरों की निगरानी का उनका इलाज किया जाएगा। गंभीर स्थिति में मरीज को मेकाहारा रेफर किया जाएगा।
जिला स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार धमतरी जिले में स्वाइन फ्लू के 3 केस सामने आ चुके हैं। इसमें धमतरी शहरी क्षेत्र से दो और ग्रामीण क्षेत्र से 1 केस की पुष्टि हुई है। बताया गया कि शहरी क्षेत्र के 1 केस में मरीज रिकवर हो गया है जबकि दूसरे मरीज को होम आइसोलेशन में रखा गया है। ग्रामीण क्षेत्र के मरीज का रायपुर के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है।
शासन से यह दिशा-निर्देश जारी हुआ
केटेगिरी-ए और बी के मरीज एवं ऐसे मरीज जिन्हें अस्पताल से होम आइसोलेशन की सलाह के साथ डिस्चार्ज किया गया है, उन्हें 7 दिनों तक आइसोलेशन में रखना है। होम आइसोलेशन के दौरान अलग से हवादार कमरे में रहना, मास्क का उपयोग करना, अन्य व्यक्तियों से दूरी बनाए रखना, मरीज के उपयोग किए सामान को अलग रखने समेत अन्य सावधानियां बरतने का निर्देश दिया गया है। धनात्मक प्रकरण पाए जाने पर घर-घर भ्रमण कर एक्टिव सर्विलेंस करने के लिए उस क्षेत्र के 1 किमी के परिधि में सिसनल एफ्लुएंजा के संदेहास्पद मरीजों का लक्षणों के आधार पर स्क्रीनिंग एवं सर्विलेंस किया जाना है। यह भी पढ़ें
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Swine Flu: स्वाइन फ्लू की सामान्य जानकारी
स्वाइन फ्लू श्वसन तंत्र संक्रमण है, जो मनुष्यों में इनफ्लुंएंजा-वायरस (एच1एन1) के कारण होता है। इसमें सर्दी, खांसी, बुखार एवं बदन दर्द जैसे लक्षण होतेे हैं। संक्रमित व्यक्ति सामान्यत: एक सप्ताह के भीतर सामान्य उपचार से स्वस्थ हो जाता है, लेकिन उच्चजोखिम वाले व्यक्ति जैसे-गर्भवती महिलाएं, 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चे, 65 वर्ष से अधिक उम्र के वृद्ध एवं किसी अन्य रोग से ग्रसित व्यक्तियों में इस संक्रमण की जटिलताएं होने की संभावना होती है।इन नियमों का पालन करना जरूरी
विशेषज्ञ डाक्टरों की मानें तो स्वाइन फ्लू संक्रामक बीमारी है। यह हवा में तेजी से फैलता है। वायरस के संपर्क में आने से व्यक्ति सर्दी, खांसी और बुखार से पीड़ित हो जाता है। सीने में दर्द होना, श्वांस लेने में तकलीफ आदि की समस्या होती है। यही वजह है कि लोगों को दो गज की दूरी का पालन करने, मास्क लगाने, सर्दी, खांसी, बुखार आने पर अनिवार्य रूप से कोरोना व स्लाइन फ्लू की जांच कराने के लिए कहा जा रहा है। कोरोना की तरह ही स्वाइन फ्लू संक्रामक बीमारी है। यह हवा में एक व्यक्ति से दूसरे में आसानी से फैलता है। लोगों को दो गज की दूरी और मास्क लगाने के लिए कहा जा रहा है।