सावन का महीना 29 दिन तक रहेगा। इस दौरान तप-जप, अभिषेक, काल सर्प योग शांति सहित अनेक धार्मिक आयोजन होंगे। ज्योतिषी पंडित बसंत तिवारी ने कहा कि 22 को पहला सावन सोमवार व्रत पड़ रहा है। कुल 5 सोमवार पड़ेंगे। 23 को पहला मंगला गौरी का व्रत रखा जाएगा। जैसे सावन सोमवार में शिवजी की पूजा करना फ लदायी होता है, वैसे ही मंगलवार के दिन मंगला गौरी व्रत रख पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। सावन के अंतिम दिन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि रहेगी, जो अत्यंत शुभ है।
Sawan Somwar Vrat 2024: 22 जुलाई को सूर्योदय से रात 11.40 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ प्रीति योग भी है। सबसे खास बात ये है कि 29 दिवसीय सावन महोत्सव की शुरुवात सोमवार को हो रहा समापन भी सोमवार को ही रहा है। 23 जुलाई को सुबह 5.57 बजे से दोपहर 12.05 बजे तक द्वि-पुस्कर योग रहेगा। साथ ही सावन में 7 दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।
सावन सोमवार 2024 की तारीख
- पहला सावन सोमवार, 22 जुलाई को
- दूसरा सावन सोमवार, 29 जुलाई को
- तीसरा सावन सोमवार, 5 अगस्त को
- चौथा सावन सोमवार, 12 अगस्त को
- पांचवा सावन सोमवार, 19 अगस्त को
Sawan Maas 2024: सावन में मंगला गौरी व्रत
सावन का पहला मंगला गौरी व्रत- 23 जुलाई, 2024सावन का दूसरा मंगला गौरी व्रत- 30 जुलाई, 2024
सावन का तीसरा मंगला गौरी व्रत- 6 अगस्त, 2024
सावन का चौथा मंगला गौरी व्रत- 13 अगस्त, 2024
ये शुभ संयोग
इस बार सावन मास बहुत खास रहने वाला है। श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से मूल रूप से श्रावण की शुरुआत मानी जाती है। हालांकि शास्त्रीय मान्यता में आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से ही श्रवण का आरंभ हो जाता है, किंतु पक्ष काल की गणना से देखें तो 22 जुलाई को सोमवार के दिन श्रवण नक्षत्र में प्रीति योग के संयोग में मकर राशि के चंद्रमा की साक्षी में श्रावण मास का आरंभ होगा। इस माह में अमृत सिद्धि, सर्वार्थ सिद्धि और रवि पुष्य का भी संयोग बन रहा है। इस बार श्रावण मास में चार नहीं पांच सोमवार होंगे। यही नहीं इसकी शुरुआत सोमवार तो समाप्ति भी सोमवार को होगी। इस बीच कई शुभ संयोगों में भगवान शिव की आराधना होगी।
Sawan Maas 2024: शिव आराधना से करें संकल्पों की सिद्धि
पंडित ओंकार अग्निहोत्री के अनुसार श्रावण मास में भगवान शिव की आराधना करने से मनोरथ सिद्ध होते हैं। पूरे मास पर्यंत शिव कथा, लीला, अमृत का पारायण या शिव महापुराण का पारायण, शिव स्तोत्र के पाठ, शिव कवच या महामृत्युंजय की साधना आराधना करने से मन, बुद्धि, शरीर का रोग, दोष समाप्त होता है। उत्तम स्वास्थ्य, दीर्घायु की प्राप्ति होती है। यह भी पढ़ें