जीव ही शिव है और शिव ही जीव
शिव भक्तों को शिव महिमा के बारे में बताते हुए कहा कि शिव महापुराण की कथा को पाने के लिए बड़ा पंडाल या सजावट की जरूरत नहीं है। एक पत्थर रूपी शिवलिंग में जल चढ़ाते हैं तो मन करता है कि इसमें शिव बसता है और बार-बार जल चढ़ाने से शिव के पत्थर में संकल्प बस जाता है। पत्थर की तरह संसार में जन्म लेने वाले हर जीव में शिव बसा है। जीव ही शिव है और शिव ही जीव है। भगवान को भोग लगाएं या न लगाएं लेकिन अन्य जीवों को भोग भंडारा जरूर कराएं। पंडित मिश्रा ने कहा कि मंदिर के भीतर शंकर है और बाहर भी सब जीवों में परमात्मा बसा है। उन्होंने कहा कि जहां भी शिव महापुराण कथा हो रहा है वहां सूचना मिलने पर जरूर जाए। शिव महापुराण में कुछ तो होगा (Pandit Pradeep Mishra) तभी इतने शिव भक्त पहुंच रहे हैं। शिव महापुराण में कथा सुनने कौन पहुंचता है, जो शिव को एक लोटा जल चढ़ाता है।
Pradeep Mishra Statement For Rapist: कलम में बहुत दम होता है
उन्होंने आगे कहा कि अगर किसी जगह राजनेता आते हैं तो लोगों को लाने के लिए बस आदि वाहन की व्यवस्था करनी पड़ती है। यहां शिव महापुराण सुनने के लिए लोग अपने खर्च पर आते हैं। सफलता पाने वाले लोग बहुत मिलेंगे, लेकिन सफल होने के बाद संतुष्ट होने वाले बहुत कम मिलेंगे। पंडित प्रदीप मिश्रा ने कलम को लेकर पत्रकारों से कहा कि कलम में बहुत दम होता है इसलिए इसे जनहित और राष्ट्रहित के लिए चलाएं। आपके एक कलम से किसी का बुरा न हो। कांटाकुरीडीह में आयोजित पांच दिवसीय शिव महापुराण कथा कार्यक्रम की सफलता पर श्री रूद्रेश्वर महादेव समिति संघ के महासंरक्षक दीपक लखोटिया ने शहर व ग्रामीण क्षेत्र के सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जिले के सबसे बड़े पहला धार्मिक आयोजन सभी के योगदान से पूर्ण हुआ। श्री रूद्रेश्वर महादेव समिति से जुड़े सदस्यों, ग्रामीणों का सहयोग रहा।
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