पिछले दो दिनों से मौसम के मिजाज में परिवर्तन देखने को मिल रहा है। इसी कड़ी में १८ अगस्त की देर शाम मौसम ने अचानक अंगड़ाई ली और देर शाम ६.३० बजे बूंदाबांदी के साथ झमाझम बारिश शुरू हो गई।
करीब २ घंटे तक हुई मूसलाधार बारिश से शहर का जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। मकई चौक से लेकर रत्नाबांधा चौक तक नेशनल हाइवे सड़क में करीब तीन फीट तक पानी भर गया था। इसी तरह भारी बारिश के चलते लालबगीचा वार्ड में राजकुमार साहू, नेतराम साहू, प्रणय नेताम के घर में पानी घुस गया। इससे राशन सामान समेत अन्य सामान बारिश के पानी में भींगकर खराब हो गया।
यह भी पढें : भाजपाइयों ने सड़कों पर बने बड़े-बड़े गड्ढों में रोपे धान के पौधे, प्रशासन के खिलाफ जमकर किया विरोध प्रदर्शन सेहराडबरी में रेल्वे ट्रेक के नीचे स्थित मकानों में भी करीब डेढ़ इंच तक पानी भर गया। बठेना वार्ड के गली नंबर-३ में तो स्थिति बद से बदतर हो गई थी। मनोज निर्मलकर, बहुर साहू, सरस्वती नेताम, दीपक साहू, केदार भक्त ने बताया कि घरों में पानी भरने से रात उन्हें जागरण करना बिताना पड़ा। यहां के कई घरों में जहरीले जीव-जंतु भी घुस गया था।
यह भी पढें : Weather Update : छत्तीसगढ़ में बदला मौसम का मिजाज! कुछ ही घंटों में होगी ताबड़तोड़ बारिश…. IMD ने जारी किया Yellow Alert उधर गंगरेल के डूबान क्षेत्र में हुई भारी बारिश के चलत मोंगरागहन से कोड़ेगांव-बी मार्ग का पुल टूटने से करीब दर्जन भर गांवों का संपर्क टूट गया है। कोड़ेगांव-बी के ग्रामीण रामनिहोरा निषाद, बलराम मंडावी, रामाधीन पटेल, देवनारायण मेश्राम, जितेन्द्र सिन्हा ने बताया कि पुट टूटने के कारण ग्राम मोंगरागहन, कोड़ेगांव-बी, भिड़ावर, बारगरी आदि गांवों के लोगों को आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं।
डे्रेनेज सिस्टम की खुली पोल
करीब दो घंटे तक हुई झमाझम बारिश ने डे्रनेज सिस्टम की पोल खोलकर रख दिया है। सूत्रों की मानें तो बारिश के पानी के अलावा घरों से निकलने वाले दूषित पानी को शहर से बाहर निकालने के लिए सभी ४० वार्डों में नाली का निर्माण किया गया है, जिसकी कुल लंबाई करीब ३ सौ किमी मीटर है। इस साल नालों की सही ढंग से सफाई नहीं होने से बारिश होने पर वार्डों में पानी भर रहा है। अव्यवस्था को लेकर नागरिकों में रोष पनपने लगा है।
रिसगांव नदी में फिर आया उफान
इसी तरह वनांचल में भी अच्छी बारिश हुई। इससे कुछ देर के लिए रिसगांव नदी उफान में आ गया। हालांकि बारिश जल्दी थमने से नदी का पानी भी जल्दी कम हो गया। गौरतलब है कि यहां रिसगांव नदी में बाढ़ आने से रिसगांव के साथ ही गादुलबाहरा, आमबाहर, ठोठाझरिया, जोगीबिरदो आदि गांवों में आवागमन प्रभावित रहा।
गंगरेल बांध में बढ़ी आवक
कैचमेंट एरिया में हुई अच्छी बारिश से गंगरेल बांध में आवक भी बढ़ गई है। सुबह 6 बजे की स्थिति में बांध में 12 हजार 151 क्यूसेक पानी की आवक हो रही थी, जो सुबह 8 बजे बढ़कर 13 हजार 611 क्यूसेक हो गई। दोपहर 3 बजे आवक में पुन: कमी हो गई और 11 हजार 190 क्यूसेक पानी बांध में प्रति सेकंड आ रहा था। बांध में 25.017 टीएमसी पानी संग्रहित है, जो कुल जलभराव क्षमता का 77.98 फीसदी है।
जिले में बारिश एक नजर में
भू-अभिलेख शाखा से मिली जानकारी के अनुसार धमतरी जिले में दो घंटे में ६३.६ मिमी रिकार्ड बारिश हुई। इसमें सर्वाधिक भखारा में १३९.२ मिमी बारिश हुई है। जबकि सबसे कम मगरलोड में ९.४ मिमी बारिश दर्ज किया गया है। इसी तरह धमतरी में ११२.७, कुरुद में ४०.४ मिमी, नगरी में ४५.६ मिमी, कुकरेल में ६७ मिमी और बेलरगांव में ३०.६ मिमी बारिश दर्ज किया गया है।