मुख्यमंत्री ने छात्रों के सवालों के जवाब बड़े ही सहजता से दिए। सेजेस की छात्रा वेदिका देवांगन ने पूछा कि सीएम सर बचपन में हर बच्चा शरारत करता है, आपने भी शरारत किया, तो डांट या सजा मिली क्या? मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रश्न अच्छा है। बचपन में शरारत होता ही है, लेकिन हमारा मामला ही कुछ अलग है। 10 साल के थे तब सिर से पिता का साया उठ गया। मां-दादी सहित परिवार की जिमेदारी आ गई।
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इस जिमेदारी में इतने दब गए कि शरारत, अल्लहड़पन, नटखटपन का मौका ही नहीं मिला। हमारा जीवन शुरू से संघर्षमय रहा। कभी सोचे नहीं थे कि जीवन में सरपंच भी बन पाएंगे। भाजपा की सदस्यता ली तीन बार विधायक, चार बार सांसद बने। साथ ही पांच साल तक राज्य में मंत्री के रूप में काम किया। छत्तीसगढ़ प्रदेशाध्यक्ष का दायित्व मिला। हां, आप लोगों को शरारत जरूर करना चाहिए।
पथर्रीडीह की छात्रा सरिता सोरी ने पूछा कि लोग कहते है कि गांव से अच्छा शहर के स्कूल में पढ़ाई होती है। आप क्या कहते हैं? मुयमंत्री ने कहा कि मैं इस बात से बिल्कुल भी सहमत नहीं हूं। गांव और शहर में पढ़ाई अच्छा-बुरा जैसी कोई बात नहीं होती। पढ़ाई शिक्षकों के ऊपर डिपेंड होती है। शिक्षक ही राष्ट्र के निर्माता हैं। यदि किसी स्कूल को एक अच्छा शिक्षक मिल जाए तो पढ़ाई का स्तर बेहतर हो जाता है।
गर्ल्स स्कूल इतवारी बाजार की छात्रा दीक्षा साहू ने पूछा कि मुझे सिविल सेवा क्षेत्र में जाना है, क्या करूं? मुयमंत्री ने कहा कि इच्छाशक्ति दृढ़ होना चाहिए। कठोर परिश्रम करिए सफलता जरूर मिलेगी।
इनका हुआ समान
मुख्यमंत्री ने मिशन अव्वल के तहत आयुष सोनकर, अक्षत सिन्हा, निधि साहू, दीपांशु यादव, साधना, केशिका तारक, गंगेश्वरी सेठिया, कोमल, ललिता, खुशी, सानिया, सुनीता, समीर, आदित्य बरड़िया, प्रियांशु देवांगन, ताइबा, फातिमा, लिलेश्वरी आदि का समान किया गया। साथ ही मुयमंत्री द्वारा नोनी-बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना के तहत 129 हितग्राहियों को 6 लाख 41 हजार रूपए की राशि वितरित की गई।
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अपने उद्बोधन में मुयमंत्री साय ने धमतरी में हो रहे नवाचार कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षा नौकरी का माध्यम नहीं है। अच्छा इंसान, अच्छा काम, उन्नति के लिए शिक्षा जरूरी है। प्रधानमंत्री मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाने का लक्ष्य रखा है। हमें भी 2047 तक छत्तीसगढ़ को विकसित छत्तीसगढ़ बनाना है।
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अंत में उन्होंने सफलता के लिए दो चीजों को जरूरी बताया। पहला-इच्छाशक्ति और दूसरा-कड़ी मेहनत। मन में इच्छाशक्ति जरूरी है। सपने देखों और उसे पूरा करने कड़ी मेहनत करो। कुरुद विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि बच्चों की शिक्षा में नवाचार के लिए कलेक्टर बधाई की पात्र हैं प्रदेश में शिक्षा को लेकर मुख्यमंत्री भी तत्परता से जुटे हैं।
शिक्षा दुरूस्त हो गई तो समाज, देश की आधी समस्या दूर हो जाएगी। मंच में सांसद रूपकुमारी चौधरी, भाजपा प्रदेश महामंत्री रामू रोहरा, पूर्व विधायक रंजना साहू, पिंकी शाह, श्रवण मरकाम, इंदर चोपड़ा, अर्चना चौबे, जिलाध्यक्ष प्रकाश बैस आदि उपस्थित थे। इसके पूर्व कलेक्टर नम्रता गांधी ने प्रतिवेदन का पठन किया। उन्होंने सभी प्रतिभाशाली छात्रों को शुभकामनाएं दी।