धमतरी जिले की बात करें तो यहां हर 15 से 20 घरों के बीच एक-दो पालतू तोता मिल जाएंगे। कुछ वार्डों में तो घर-घर तोते पाले गए हैं। बंधक बनाकर तोता सहित अन्य वन्य प्राणियों को पालना, खरीदी-बिक्री करना अपराध की श्रेणी में आता है। मंगलवार को वन विभाग ने उक्त वन्य प्राणियों को पालने वाले लोगों से नजदीकी वनाधिकार कार्यालय में जमा करने कहा है। इसके लिए 31 अगस्त 2024 तक का समय दिया गया है।
तीन साल की होगी सजा
वन मंडलाधिकारी श्रीकृष्ण जाधव ने बताया कि वन्य प्राणी संरक्षक अधिनियम-1972 (संशोधिक अधिनियम मई-2022) के तहत तोता एवं अन्य अनुसूचित पक्षियों की प्रजातियों को जीवित स्थिति में कैद रखना, पालना, मृत अवशेष जैसे नाखून, हड्डी, मांस, बाल आदि रखने या खरीदी बिक्री करना वन अपराध की श्रेणी में आता है।
ऐसे करते पाए जाने पर अपराधी को न्यायालय द्वारा 3 साल या अधिक का कारावास एवं 25 हजार अथवा अधिक का जुर्माना या दोनों से दंडित करने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि वन्य प्राणी रखने की सूचना या शिकायत टोल फ्री नंबर-1800233700 पर कर सकते हैं। इसके अलावा वन मंडल द्वारा जारी मिस्ड कॉल या व्हाट्सएप मैसेज के माध्यम से 88890-96666 पर दिया जा सकता है। सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा।
CG News: दर्द: बच्चों की तरह पाला हैं, जुदा कैसे करें?
इस आदेश के बाद से ज्यादातर तोता पालने वालों में चिंता नजर आ रही। कुछ तोता पालने वालों ने कहा कि वे पिछले 10-12 वर्षों से घर के बच्चे की तरह तोता पाल रहे हैं। बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक तोता से जुड़े हैं। भोजन के समय भी साथ बैठकर तोता भी भोजन करता है। अचानक अब मीडिया के माध्यम से जानकारी हो रही कि यह अपराध की श्रेणी में आ रहा है। प्राय: हर तोता पालने वाले का तोता से मार्मिक जुड़ाव रहता है। ऐसी स्थिति में तोता को परिवार से जुदा करना बड़े मुश्किल का काम है।
उड़ने लायक नहीं, तो जू-पार्क में रखेंगे
डीएफओ श्रीकृष्ण जाधव ने कहा कि तोता सहित अन्य वन्य प्राणियों को कैद कर रखना अपराध की श्रेणी में आता है। पहले तोता पालकों को खुद से जमा करने की अपील कर रहे हैं। बाद में कार्रवाई भी संभावित है। उड़ने लायक तोते को आजाद करेंगे। वहीं उड़ नहीं पाने वाले तोते को जूं-पार्क भेजेंगे। साथ ही ट्रीटमेंट के लायक तोते का इलाज भी कराएंगे। इससे सम्बन्धित खबरें यहां पढ़े
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