उल्लेखनीय है कि शिक्षा विभाग में अगस्त-सितंबर महीने में बड़ी संख्या में शिक्षकों की पदोन्नति हुई थी। नियमत: पदोन्नति के बाद मूल शाला से अन्यत्र जाना होता है। इसके बाद कई शिक्षकों में पदोन्नति के बाद संशोधन करा लिया, जिसमें जिला शिक्षा विभाग ने ऐसे कई शिक्षकों को धमतरी जिले के स्कूलों में ही पदस्थ कर दिया। ऐसे शिक्षकों की संख्या 95 है। बाद में संशोधन आदेश को लेकर ढेरों शिकवा-शिकायतें हुई, जिसे तत्कालीन भूपेश सरकार ने काफी गंभीरता से लिया और शासन स्तर पर 5 सितंबर को धमतरी समेत पूरे प्रदेशभर में पदोन्नति में संशोधन आदेश को निरस्त कर दिया।
इससे धमतरी में 95 शिक्षकों के साथ पूरे छत्तीसगढ़ में 543 शिक्षक-शिक्षिकाएं प्रभावित हुए। इसके बाद कुछ शिक्षकों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिस पर कोर्ट ने 3 नवंबर को शासन को निर्देशित करते हुए राज्य सरकार को शिक्षकों से मिले अभ्यावेदन पर 45 दिनों में निराकरण करने के लिए कहा था। साथ ही प्रभावित शिक्षकों को मूल शाला में ज्वाइनिंग दिलाने का आदेश दिया था, लेकिन आज पर्यंत तक पीड़ित शिक्षकों को मूल शाला में ज्वाइनिंग नहीं मिली।
गठित की गई थी 7 सदस्यीय समिति बताया गया है कि मामले के निराकरण के लिए उच्च स्तरीय 7 सदस्यीय समिति का गठन किया गया था। समिति में प्रदेश के प्रमुख सचिव, डीपीआई और पांचों संभाग रायपुर, बिलासपुर, सरगुजा, बस्तर और दुर्ग संभाग के संयुक्त संचालक (जेडी) शामिल थे। 3 नवंबर को हाईकोर्ट ने इन्हें डेढ़ महीने के अंदर संशोधन पीड़ित शिक्षकों का निराकरण करने के लिए कहा, लेकिन अब तक मामले का निराकरण नहीं हो सका। विभागीय स्तर पर अब कहा जा रहा है कि नई सरकार में विभागीय मंत्री बनने के बाद ही इस पर कोई फैसला हो सकेगा।
प्रभावित शिक्षक गुजर रहे मानसिक पीड़ा से नाम न छापने की शर्त पर पीड़ित शिक्षकों ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देश पर पदोन्नति में संशोधन वाले शिक्षकों ने 15 दिनों के भीतर अपना अभ्यावेदन जमा कर दिया था। इसके लिए उन्हें 25 नवंबर तक समय दिया गया था, लेकिन अब तक मूल शाला में ज्वाइनिंग मिला और न ही वेतन जारी हुआ। धमतरी समेत पूरे प्रदेशभर में 543 पीड़ित शिक्षक मानसिक पीड़ा के दौर से गुजर रहे हैं।
पदोन्नति में संशोधन वाले 95 शिक्षकों का मामला विचाराधीन है। इसके लिए उच्च स्तर पर समिति भी गठित की गई है। नए मंत्रिमंडल का गठन के बाद जल्द इस पर निर्णय होने की संभावना है। बृजेश वाजपेयी, डीईओ