तीन माह से नहीं मिल रहा वेतन उल्लेखनीय है कि पिछले तीन माह से नगर निगम के कई कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है। शासन से मिलने वाली चुंगी-क्षतिपूर्ति की राशि से जैसे-तैसे सफाई विभाग सहित अन्य विभागों के कर्मचारियों को वेतन दिया जा रहा है। वहीं आयुक्त सहित अधिकारी वर्ग व अन्य कुछ स्थायी कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पाया है। वहीं शासन से मिल रही चुंगी-क्षतिपूर्ति की राशि तीन करोड़ रुपए के आसपास रहती है लेकिन इसमें भी लगातार कटौती हो रही है। ऐसे में निगम अफसरों को वेतन बांटने में परेशानी हो रही है।
वाहनों की करेंगे मॉनीटरिंग उल्लेखनीय है कि नगर निगम में अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के वाहनों के अलावा फायर बिग्रेड, सफाई विभाग के कई वाहन हैं। इनमें प्रतिदिन बड़ी मात्रा में ईंधन की जरूरत रहती है। वहीं कुछ वाहन चालकों द्वारा लापरवाही भी की जाती है। ऐसे में अब आयुक्त रजनीश कसेरा ने वाहनों की प्रतिदिन मॉनीटरिंग कराने की तैयारी की है ताकि वाहनों का संचालन कहां और कैसे हो रहा है इस पर नजर रखी जा सके। साथ ही ईंधन की बचत की जाएगी ताकि खर्च कम हो सके।
वसूली नहीं की तो नहीं मिलेगा वेतन उधर पिछले कुछ समय से ई-नगर पालिका पोर्टल में तकनीकी दिक्कत आने से नगर निगम के संपत्तिकर, जलकर, लाइसेंस सहित अन्य करों की वसूली प्रभावित हुई थी। हाल ही में इस व्यवस्था में सुधार आया है। वहीं कर्मचारियों द्वारा की जाने वाली वसूली भी कुछ हद तक प्रभावित हुई है। ऐसे में अब राजस्व निरीक्षकों, सहायक राजस्व निरीक्षकों व उनके सहायकों को लक्ष्य सौंपकर वार्ड क्षेत्र में लक्ष्य के अनुरूप वसूली के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही सख्त हिदायत दी गई है कि वसूली नहीं करने पर संंबंधित कर्मचारी का वेतन नहीं दिया जाएगा। प्रतिदिन वसूली की मॉनीटरिंग भी की जा रही है।
-आउटसोर्स कर्मचारियों को चिन्हित किया जा रहा है। वहीं कुछ को हटा दिया गया है। वाहन व्यवस्था की भी मॉनीटरिंग की जाएगी। राजस्व अमले को भी वसूली बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।-रजनीश कसेरा, निगमायुक्त