लोकसभा चुनाव 2024 के लिए देवास संसदीय क्षेत्र से आठ प्रत्याशी मैदान में थे। लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही रहा। भाजपा ने इस सीट पर महेंद्र सिंह सोलंकी को तो वहीं कांग्रेस ने राजेंद्र राधाकिशन मालवीय को चुनावी मैदान में उतारा है। इनके साथ साथ सीट से 6 अन्य उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में उतरे थे। लोकसभा के चौथे और मध्य प्रदेश के आखिरी चरण में 13 मई को इस सीट पर मतदान हुआ है, जिसके परिणाम स्देवरूप इस सीट पर भाजपा का दबदबा एक बार फिर जारी रहा है।
मालवा निमाड़ का देवास ऐसा संसदीय क्षेत्र है, जिसका परिसीमन बार-बार बदलता रहा है। ये सीट 1951-52 और 1957 में शाजापुर-राजगढ़ के नाम से जानी जाती थी। 1962 में ये इलाका आरक्षित हो गया और देवास के नाम से हो गया था। 1967 में ये शाजापुर नाम से हो गया था। 1967 और 1977 में यह सीट सामान्य श्रेणी की थी। 1980 में ये फिर आरक्षित हो गई और अभी तक अनुसूचित जाति के लिए ही आरक्षित है। 2009 में परिसीमन के अनुसार, ये इलाका देवास नाम से दोबारा दर्ज हो गया।
यह भी पढ़ें- Bhind Seat Result 2024 : भिंड लोकसभा सीट पर भाजपा का कब्जा, 64 हजार 840 वोटों से जीतीं संध्या राय
भाजपा उम्मीदवार महेंद्र सिंह सोलंकी चुनाव जीते
भाजपा के प्रत्याशी महेंद्र सोलंकी न्यायाधीश के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं और वें न्यायापालिका की सेवा से इस्तीफा देकर राजनीति के क्षेत्र में उतरने का फैसला किया। महेंद्र सोलंकी ने पहला चुनाव साल 2019 में लड़ा और जीत हासिल कर बीजेपी का परचम लहराया। अब 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के भरोसे को कायम रखा और लोकसभा में निर्वाचित हुए हैं। यह भी पढ़ें- Mandsaur Seat Result 2024 : मंदसौर लोकसभा सीट पर भाजपा की प्रचंड जीत, 5 लाख वोटों से जीते सुधीर गुप्ता
कांग्रेस उम्मीदवार राजेंद्र मालवीय चुनाव हारे
इंदौर के रहने वाले राजेंद्र मालवीय राजनीतिक पृष्ठभूमि से लंबे समय से जुड़े हुए नेता हैं। उनके पिता स्वर्गीय राधाकिशन मालवीय लंबे समय तक मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रह चूके हैं कांग्रेस नेताओं के मुताबिक दो बार राजेंद्र मालवीय विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। उन्हें सबसे पहले टिकट इंदौर जिले के सांवेर से विधानसभा का मिला था। इसके बाद दूसरी बार उज्जैन जिले की तराना सीट से राजेंद्र मालवीय ने विधानसभा का चुनाव लड़ा और दोनों चुनावों में भी मालवीय को हार का सामना करना पड़ा था और अब इस बार के लोकसभा चुनाव में भी वो जीत से 4 लाख 25 हजार 225 मत दूर रह गए। यह भी पढ़ें- Gwalior Seat Result 2024 : ग्वालियर लोकसभा सीट पर भाजपा का कब्जा बरकरार, 70 हजार वोटों से जीते भारत सिंह कुश्वाह
क्षेत्र की सभी विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा
देवास संसदीय क्षेत्र में आठ विधानसभाएं आती हैं। सीहोर जिले से एक, शाजापुर से तीन, देवास से तीन और आगर-मालवा जिले से एक विधानसभा सीट को मिलाकर ये लोकसभा क्षेत्र बना है। 2023 के विधानसभा चुनाव में देवास लोकसभा क्षेत्र की देवास सीट को छोड़ बाकी सातों सीटों पर 75 फीसदी से अधिक मतदान हुआ था। जबकि आठों सीटों पर भाजपा ने ही कब्जा जमाने में सफलता हासिल की थी। यह भी पढ़ें- Sagar Seat Result 2024 : सागर लोकसभा सीट पर भाजपा का कब्जा, पौने पांच लाख वोटों से जीतीं डॉ. लता वानखेड़े
जनसंघ का भी रहा गढ़
1962 में ये क्षेत्र देवास नाम से हो गया और आरक्षित सीट होने से यहां से हुकमचंद जनसंघ से से जीते। 1967 में ये सामान्य सीट हो गई। यहां से जनसंघ के बाबूराव ने कांग्रेस के लीलाधर जोशी को हराया था। 1971 में जनसंघ के प्रसिद्ध नेता जगन्नाथ राव जोशी विजई रहे थे। 1977 से मौजूदा समय में ये सीट आरक्षित है। 1977 और 1980 में यहां से भालोद और जनता पार्टी से फूलचंद वर्मा विजयी रहे थे। 1984 में कांग्रेस के बापूलाल मालवीय ने फूलचंद वर्मा को हराया था। 1989 और 1991 में फूलचंद वर्मा भाजपा से लगातार विजयी रहे थे। यह भी पढ़ें- Balaghat Seat Result 2024 : बालाघाट लोकसभा सीट पर भाजपा का कब्जा, पौने दो लाख वोटों से जीतीं भारती पारधी
लगातार 4 बार जीते थावरचंद, सज्जन वर्मा ने हराया
1996 से 2004 तक भाजपा नेता थावरचंद गहलोत 4 बार लगातार इस सीट से जीते और कांग्रेस के उम्मीदवार पराजित हुए थे। क्षेत्र से पहली महिला उम्मीदवार 1996 में कांग्रेस से शकुंतला चौहान उम्मीदवार रही थीं। हालांकि, 2009 में कांग्रेस के सज्जन सिंह वर्मा ने भाजपा के थावरचंद गहलोत को हराकर भाजपा के जीत के सिलसिले को तोड़ा था। इसके बाद 2014 में भाजपा के मनोहर ऊंटवाल ने कांग्रेस के सज्जन वर्मा को पराजित किया था। 2019 में न्यायिक सेवाओं को छोड़ भाजपा से खड़े हुए महेंद्र सिंह सोलंकी विजयी रहे थे उन्होंने कबीर गायक प्रहलाद सिंह टिपानिया को हराया था। यह भी पढ़ें- Damoh Seat Result 2024 : दमोह लोकसभा सीट पर भाजपा का कब्जा, 4 लाख वोटों से जीते राहुल सिंह लोधी